देहरादून: रुड़की जेल हत्याकांड में फरार 20 हजार के ईनामी आरोपी देवपाल राणा को एसटीएपफ की टीम ने आरोपी को कुरुक्षेत्र हरियाणा से गिरफ्तार कर लिया। टीम ने आरोपी को न्यायालय में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
एसएसपी एसटीएफ सुश्री पी. रेणुका देवी ने जानकारी देते हुए बताया कि पफरार व ईनामी अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु किये जा रहे प्रयासों के अन्तर्गत स्पेशल टास्क फोर्स, उत्तराखण्ड, देहरादून द्वारा कुख्यात अभियुक्त देवपाल राणा पुत्र धीर सिंह निवासी बढ़ेड़ी मजमता थाना बड़गांव, जनपद सहारपुर, उ0प्र0 हाल निवासी शास्त्री चैक दयानन्द भवन थाना देवबन्द, सहारनपुर, उ0प्र0 को गत देर सांय को लेन नम्बर 07, लक्की काॅलोनी, शाहबाद, कुरूक्षेत्र, हरियाणा से गिरफ्तार किया गया।
अभियुक्त देवपाल राणा उपरोक्त की गिरफ्तारी पर अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था द्वारा रु0 20,000 का ईनाम घोषित किया गया था। उक्त अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु निरीक्षक आरबी चमोला के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। उक्त टीम द्वारा लगातार की गई निगरानी व प्रयासों से अभियुक्त देवपाल राणा को गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 अभियुक्त देवपाल राणा उपरोक्त ने कुख्यात अपराधी सुनील राठी के ईशारे पर अमित भूरा, सुशील चैधरी, अजित मख्यिाली, विश्वास उपर्फ विशु के साथ रुड़की जेल परिसर में कुख्यात अपराधी विनीत शर्मा उर्फ चीनू पण्डित पर जानलेवा हमला करने की साजिश रचि थी, जिसमें अपराधी चीनू पण्डित बाल-बाल बच गया था तथा उसके तीन साथी मारे गये थे। उपरोक्त हुई गैंगवार के सम्बन्ध में थाना गंगनहर, रुड़की, हरिद्वार पर मु0अ0सं0 243/14 धारा 147, 148, 149, 302, 307, 120बी, 420, 467, 468, 471 भादवि पंजीकृत हुआ था। उक्त मुकदमें में मुख्य अपराधी देवपाल राणा उपरोक्त वांछित चल रहा था।
उक्त के अतिरिक्त अभियुक्त देवपाल राणा उपरोक्त उत्तराखण्ड पुलिस का बर्खास्तशुदा कान्स्टेबल है तथा वर्ष 2002 में थाना मंगलौर जिला हरिद्वार से एक लूट के अभियोग में गिरफ्तार होने के पश्चात् देवपाल राणा ने अपराध जगत में कदम रखा था। इसके पश्चात् कुख्यात अपराधी संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा के सम्पर्क में आने पर अवैध धनवसूली हत्या एवं हत्या के प्रयास जैसे जघन्य अपराधों में लगातार सक्रिय था। अपनी धर्मपत्नी नीलम राणा के ननौता ब्लाॅक, सहसपुर से ब्लाॅक प्रमुख बनने के बाद राजनीति की दुनिया में आ गया। इसी बीच विवादित सम्पत्तियों के धन बटवारे के विवाद के चलते इसकी संजीव उपर्फ जीवा से ठन गई तो यह सुशील चैधरी उर्फ सुशील मीरकपुर के माध्यम से सुनील राठी के सम्पर्क में आ गया तथा अगस्त 2014 को सुनील राठी के विरोधी विनीत शर्मा उर्फ चीनू पण्डित की रूड़की जेल के बाहर ही हत्या के प्रयास के मामले में इसकी सक्रिय भूमिका रही। दिसम्बर 2014 अमित भूरा पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया था तब भूरा की फरारी के दौरान इसने देवपाल राणा सुशील चैधरी के साथ पटियाला में अमित उर्फ भूरा से मुलाकात कर उसे भगाने व छिपाने में भी सहयोग प्रदान किया। देवपाल के खिलाफ लूट, चोरी, डकैती व अपहराण, हत्या व फिरोती वसूली के 16 मुकदमें दर्ज है। अभियुक्त अमित भूरा को छोड़कर उक्त गैंगवार के सभी अभियुक्तों कों एस0टी0एफ0 द्वारा पूर्व में ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
उक्त अभियुक्त की गिरफ्तारी में एसटीएफ के निरीक्षक आरबी चमोला, उपनिरीक्षक संतोष शाह, मुख्य आरक्षी वेद प्रकाश भट्ट, आरक्षी महेन्द्र सिंह नेगी, आरक्षी संदेश यादव, आरक्षी विरेन्द्र नौटियाल, आरक्षी संजय कुमार, आरक्षी हेमन्त पुरी सम्मिलित थे। उक्त अभियुक्त की गिरफ्तारी में आरक्षी कैलाश नयाल एवं आरक्षी दीपक चन्दोला आदि शमिल रहे।