देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश के सभी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है। विशेष तौर पर पर्वतीय क्षेत्रों पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की सुलभता पर ध्यान देने के निर्देश उन्होने दिए हैं। स्वास्थ्य केन्द्रो को सुविधायुक्त बनाने तथा उनमें आवश्यक उपकरणों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश भी उन्होने दिए है।
बीजापुर अतिथि गृह में स्वास्थ्य मंत्री एवं उच्चाधिकारियों के साथ ही विश्व बैंक की स्वास्थ्य सहायता योजना से सम्बंधित विशेषज्ञों के साथ आयोजित बैठक को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि स्वास्थ्य से सम्बंधित कार्यक्रमों को व्यवहारिक बनाया जाय। पर्वतीय क्षेत्रों में चिकित्सक अपनी सेवाएं देने के लिए वहा रूक सके इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों के लिए आवास सुविधा सहित अस्पतालों में बेहतर सुविधाए उपलब्ध हो इसका ध्यान रखा जाय। उन्होने विश्व बैंक के प्रतिनिधियों से इस सम्बंध में आवश्यक सहयोग की अपेक्षा की। उनका कहना था की पूर्व में पी.पी.पी. मोड़ में संचालित कतिपय स्वास्थ्य योजनाओं के सम्बंध में पूर्व का अनुभव सही नही रहा है। अतः अब इस दिशा में काफी सजगता व गंभीरता के साथ कदम बढ़ाए जाए। उन्होने कहा की बौराड़ी (टिहरी) व खटीमा (उ0सि0न0) में पीपीपी मोड़ पर स्वास्थय सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भी नियम व शर्ताे को और अधिक व्यवहारिक बनाया जाए ताकि आम आदमी को और अधिक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो सके।
उन्होेने विश्व बैंक की सहायता से आपदा ग्रस्त जनपदों के विभिन्न स्थानों धारचूला, कपकोट, जोशीमठ, गुप्तकाशी व भटवाड़ी के स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सकों व आवश्यक चिकित्सा उपकरणों को सुनिश्चित करने को कहा। सर्जन, गाईनोलाॅजिस्ट व एनेथीसिया के डाक्टरों की कमी को दूर करने की कार्ययोजना बनाने के निर्देश भी उन्होने दिए।
विकासखण्ड स्तर पर मोबाईल वैनों की संख्या बढ़ाने, सचल वाहनों की भांति इनमें चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने व आपदा की स्थिती में ट्रामा वाहनों की व्यवस्था करने की भी उन्होने बात कही। उन्होने डैठल्(मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना) के प्रभावी प्रचार प्रसार एवं स्वास्थ्य के प्रति जन जागरूकता के लिए स्वास्थ्य रथों के संचालन पर भी ध्यान देने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को सही समय पर उचित इलाज के लिए लागू की गई डैठल् (मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना) के लिए बीमारी को देखते हुए इसकी सीमा आवश्यकता के दृष्टिगत पचास हजार रूपए से बढ़ाने पर भी विचार किया जायेगा। उन्होने एनआरएचएम के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास के चरणबद्ध ढ़ंग से प्राथमिकता के आधार पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए। टेली डायगनोसिस एवं जिला चिकित्सालयों को मेडिकल कालेजो में टेली कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जोड़ने की व्यवस्था पर भी ध्यान दिया जाय।
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव मा. मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ओम प्रकाश, अपर सचिव नीरज खैरवाल के साथ ही विश्व बैंक की वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ शोमिल नागपाल आदि उपस्थित थे।