लखनऊ: समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने आज यहां कहा है कि अजीब हाल है भाजपा नेताओं का कि उत्तर प्रदेश में उन्हें जाने किस सपने में “महाभारत“ होते दिख रहा है और वे अपनी काठ की ढाल तलवार लिए उछलकूद मचाने लगे हैं। विधान सभा के पिछले दिनों हुए उपचुनावों में जिन्हें जबर्दस्त पराजय का मुंह देखना पड़ा है वे हवाई हस्तिनापुर की गद्दी पर बैठने का दावा करने लगे हैं। ऐसे भी है जिन्हें यूपी में आए जुम्मा जुम्मा चंद महीने हुए हैं और उन्हें यहां की कार्य संस्कृति से परेशानी है।
उत्तर प्रदेश में जबसे श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी है यथास्थितिवादी और सांप्रदायिक ताकतों की नींद उड़ गई है। अपनी सत्ता खोकर बौखलाई बसपा अध्यक्ष तो श्री अखिलेश यादव के शपथग्रहण के पहले दिन से ही राष्ट्रपति राज की मांग उठाने लगी थी। जिनका कभी किसानों से नाता रिश्ता नहीं रहा, गांव देखे नहीं उन्हें किसानों से नकली हमदर्दी हो गई है। अब रोज ही उनके घडि़याली आंसू परनाले की तरह बहते दिखाई देते हैं।
उत्तर प्रदेश का हर निवासी जानता है कि बसपा राज में यहां लोकतंात्रिक मर्यादाओं का किस बुरी तरह हनन हुआ था। संवैधानिक संस्थाओं की अवमानना के साथ नागरिक अधिकारों पर भी नौकरशाही का आतंक छाया हुआ था। राजकोष पार्को, स्मारकों और प्रतिमाओं पर लुटाया जा रहा था। बसपा मुख्यमंत्री की सवारी निकलते ही कफ्र्यू लग जाता था और उनके आवास पर किसी दलित की तो बात ही क्या मंत्रियों, विधायकों तक को जाने की छूट नहीं थी।
जिन्हें यूपी की कार्य संस्कृति में बदलाव की जरूरत महसूस हो रही है उन्हें समाजवादी सरकार के तीन सालों के कार्यो और उससे पूर्व की बसपा सरकार के कारनामों का तुलनात्मक अध्ययन करना चाहिए। आज श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विकास के नए एजेण्डा पर काम कर रहा है। नए बिजली घर, स्कूल कालेज और अस्पताल बन रहे हैं। आईटी हब के साथ लखनऊ में कैंसर का अस्पताल बन रहा है। जनता की गाढ़ी कमाई अब पत्थरों पर नहीं लुटाई जा रही है उससे प्रदेश को संवारने का काम हो रहा है।
उत्तर प्रदेश की सरकार में कानून का राज है। यहां पहले की तरह बदले की भावना से किसी के खिलाफ कार्यवाही नहीं हो रही है। मुख्यमंत्री जी की प्राथमिकता में गांव-किसान और नौजवान हैं। अल्पसंख्यको का सम्मान है। किसानों के हित में तमाम महत्वपूर्ण निर्णयों को अमली जामा पहनाया जा चुका है। बेमौसम बरसात की आपदा के शिकार किसानों को भरपूर मदद दी जा रही है। मानक में नही आनेवाले किसानों को भी राहत दी जा रही है।
भाजपा की केन्द्र में सरकार है अतः भाजपाई बताए कि केन्द्र ने कितनी सहायता उत्तर प्रदेश को दी है। ढपोरशंख की तरह दावे करने का कोई मतलब नहीं यदि वायदों को जमीन पर नहीं उतारा जाता। भाजपा नेताओं का यह दावा कि उत्तर प्रदेश को छह हजार करोड़ की सहायता दी गई पूरी तरह झूठ है। सच्चाई यह है कि केन्द्र ने एक पाई की भी उत्तर प्रदेश को मदद नहीं की है।