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बाढ़ से बचाव के लिए रणनीति पहले से बना ली जाए: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि बाढ़ से बचाव के लिए रणनीति पहले से बना ली जाए। बाढ़ बचाव कार्य जनवरी माह से शुरू कर मई तक पूर्ण कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि नदियों की लगातार डी-सिल्टिंग की जाए और उन्हें चैनलाइज़ भी किया जाए। इससे पानी का फैलाव रुकेगा, इसके निकलने में आसानी होगी और बाढ़ की स्थिति नियंत्रित की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि बाढ़ नियंत्रण से सम्बन्धित सभी काम समय से पूरे किए जाएं।

मुख्यमंत्री जी ने यह विचार आज यहां लोक भवन में आयोजित राज्य बाढ़ नियंत्रण परिषद की स्थायी संचालन समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ से जन-धन की हानि रोकने के लिए कटिबद्ध है। इसके लिए बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में इससे उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों की गहन समीक्षा की जाए और आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि बाढ़ बचाव कार्यों के लिए आवश्यक तटबंध इत्यादि निर्मित करने के लिए आवश्यक फण्ड्स की आवश्यकता के अनुसार व्यवस्था की जाएगी।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जी को परिषद की संचालन समिति की 28 नवम्बर, 2017 को आयोजित बैठक के दौरान दिए गए निर्देशों के अनुपालन की स्थिति के विषय में अवगत कराते हुए प्रमुख सचिव सिंचाई ने बताया कि प्रदेश में चल रहे बाढ़ नियंत्रण कार्यों की गहन समीक्षा एवं स्थलीय निरीक्षण निरन्तर किया जा रहा है। साथ ही, नेपाल राष्ट्र से आने वाली नदियों से सम्बन्धित बाढ़ बचाव कार्यों के वित्त पोषण हेतु भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किए जा चुके हैं। अब तक 34.7 करोड़ रुपए की प्रतिपूर्ति हो चुकी है। डेªजिंग के सम्बन्ध में दिए गए निर्देशों के क्रम में जनपद गोण्डा एवं बलरामपुर में डेªजिंग कार्य कराया गया, जिसके परिणाम संतोषजनक रहे। अन्य स्थानों हेतु भी परियोजनाएं तैयार की गई हैं। संवेदनशील तटबंधों की मरम्मत के अनुपालन के विषय में भी जानकारी दी गई। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जी को परियोजनाएं पूर्ण होने की सम्भावित तिथि एवं वित्त पोषण के विवरण के विषय में भी अवगत कराया गया।

मुख्यमंत्री जी को 01 अप्रैल, 2017 से अब तक अनुमोदित परियोजनाओं की प्रगति के विषय में भी अवगत कराया गया। इस अवधि में वर्तमान स्थायी संचालन समिति द्वारा 34 परियोजनाओं का अनुमोदन किया गया, जिनकी लागत 613.8 करोड़ रुपए है। इनमें से 20 परियोजनाओं पर कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है। इसके अलावा, पिछली स्थायी संचालन समिति द्वारा अनुमोदित 46 परियोजनाओं पर भी कार्य चल रहा है। पूर्व वर्षों की 157 परियोजनाएं भी गतिमान हैं। इस प्रकार वर्तमान में कुल 223 परियोजनाएं प्रगति पर हैं, जिनकी लागत 2243.60 करोड़ रुपए है।

मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि अक्टूबर, 2018 तक 51 परियोजनाएं पूर्ण की जा चुकी हैं, जबकि 28 परियोजनाओं को दिसम्बर, 2018 तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य है। इसी प्रकार 21 परियोजनाएं मार्च, 2019 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। बैठक में मुख्यमंत्री जी को वर्ष 2018-19 में बाढ़ नियंत्रण कार्यों के लिए आवंटित बजट व्यवस्था, गत वर्ष के सापेक्ष निर्गत स्वीकृतियों की तुलनात्मक स्थिति, वर्ष 2019-20 हेतु अनुमानित बजट व्यवस्था के विषय में भी अवगत कराया गया।

मुख्यमंत्री जी को उत्तर प्रदेश में बाढ़ सुरक्षात्मक उपायों के विषय में भी अवगत कराया गया। उन्हें प्रस्तावित नवीन परियोजनाओं के विवरणों के विषय में विस्तार से अवगत कराया गया। इनमें जनपद गोण्डा, सहारनपुर, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी तथा पीलीभीत में चल रही परियोजनाएं शामिल थीं। उन्हें शीर्ष वरीयता वाली नेपाल की जनपद नवलपरासी परियोजना के विषय में भी अवगत कराया गया। जनपद गोरखपुर में राप्ती नदी के दाएं तट पर निर्मित किए जा रहे बोक्टा बरवार तटबंध के कार्यों की प्रगति के विषय में भी मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया। बैठक के दौरान उनको विभिन्न जनपदों में चल रहे कार्यों का ड्रोन प्रेजेण्टेशन भी दिखाया गया।

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