नई दिल्ली: केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम ने अपने मंत्रालय और उससे संबद्ध कार्यालयों के सभी अधिकारियों/कर्मचारियों से अनुरोध किया है कि वे संविधान की भावना का सम्मान करते हुए सरकारी कामकाज में हिन्दी का अधिकाधिक उपयोग करें ताकि मंत्रालय इस क्षेत्र में अग्रणी रहे। हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य पर अपने संदेश में मंत्री महोदय ने कहा कि ‘’जनजातीय कार्य मंत्रालय समाज के सबसे वंचित व पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए प्रयासरत है। मंत्रालय की योजनाएं और कार्यक्रम जनजातीय लोगों की समग्र उन्नति के लिए लक्षित है। अत: उचित होगा यदि हम अधिकांश जनजातियों तक देश में सर्वाधिक बोली व समझी जाने वाली भाषा के माध्यम से पहुंचे।‘’
देशवासियों को आपस में जोड़ने में हिन्दी की महती भूमिका को रेखांकित करते हुए श्री ओराम ने कहा कि भाषाएं अभिव्यक्ति का माध्यम और ज्ञान की वाहक होती हैं। उन्होंने कहा कि एक स्वतंत्र देश की पहचान उसकी भाषा से ही होती है।