लखनऊः प्रदेश के गन्ना किसानों के हितों की सुरक्षा हेतु आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, श्री संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा पेराई सत्र 2021-22 में मिलगेट एवं गन्ना क्रयकेन्द्रों पर घटतौली की कुप्रथा को समूलरूप से नष्ट करने के लिए जिला प्रशासन और विभागीय अधिकारियों को घटतौली रोकने हेतु व्यापक निर्देश जारी किये गये हैं।
इस संबंध में जानकारी प्रदान करते हुये गन्ना आयुक्त द्वारा बताया गया कि गन्ना क्रयकेन्द्र संचालित होने से 15 दिन पूर्व तौल लिपिकों के लाइसेंस संबंधित जिला मजिस्ट्रेट से बनवाकर चीनी मिलों को उपलब्ध कराये गये हैं। क्रय केन्द्र पर गन्ना तौल करते समय तौल लिपिकों द्वारा लाइसेंस के साथ पहचान-पत्र अनिवार्य रूप से रखना होगा, जिन तौल लिपिकों के लाइसेंस जारी किये गये है उनका डाटावेस मय फोटो सहित विभागीय वेवसाइट पर अपलोड किये जाने की कार्यवाही सम्बन्धित सहायक चीनी आयुक्त द्वारा की जायेगी।
गन्ना आयुक्त ने यह भी बताया गया कि तौल लिपिको के पाक्षिक स्थानान्तरण को पारदर्शी बनाये जाने के लिए ई.आर.पी. के माध्यम से स्थानान्तरण करने तथा उसे विभागीय वेबसाइट पर अपलोड कर निर्गत सूची को सोशल मीडिया पर भी प्रसारित किया जायेगा। विगत 05 वर्षाे में जिन तौल लिपिकों के लाइसेंस निरस्त किये गये हो अथवा दण्डित किया गया हो उन तौल लिपिकों के लाइसेंस निर्गत न किये जाने हेतु निर्देश भी दिये गये है। चीनी मिलगेट पर न्यूनतम 10 टन क्षमता वाले मैनुअल काँटा लगाये जाने हेतु चीनी मिल अध्यासी को निर्देशित किया गया है जिससे कृषक अपने वजन की तुलनात्मक जाँच कर सकेगें। स्थानीय तौल लिपिक को उसी ग्राम में स्थापित क्रयकेन्द्र पर तौल लिपिक के रूप में न लगाये जाने के निर्देश भी दिये गये साथ ही प्रत्येक क्रयकेन्द्र पर उस दिन तौली जाने वाली पर्चियों की एकनॉलेजमेन्ट शीट भी अनिवार्य रूप से चस्पा की जायेगी।
श्री भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश में संचालित हो चुकी चीनी मिलों में अब तक 2,850 चीनी मिल गेट एवं क्रय केन्द्रों का निरीक्षण विभागीय अधिकारियों द्वारा किया जा चुका है। जिसमें कुल 09 गम्भीर एवं 116 सामान्य अनियमितताएं पाई गयी। गम्भीर मामलों में 09 तौल लिपिकों के तौल लाइसेंस को निलम्बित करने की कार्यवाही की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में अवैध गन्ना खरीद फरोख्त के विरूद्ध सुसंगत धाराओं में 03 प्राथमिकी भी दर्ज करायी जा चुकी है।
गन्ना क्रय केन्द्रों के निरीक्षण के दौरान अशु़द्व एवं समायोजित कॉटों पर कार्यरत तौल लिपिक के विरूद्व नियमानुसार कार्यवाही करते हुए अन्तर गन्ना मूल्य का भुगतान कराये जाने तथा चीनी मिलों द्वारा संचालित किये जा रहे गन्ना क्रय केन्द्रों पर इलेक्ट्रॉनिक तौलन पट्ट की कार्य में शुद्वता को बनाये रखने हेतु विधिक माप विज्ञान विभाग द्वारा कॉटों की स्टैपिंग कराते हुए उसकी अभेद्यता बनाये रखने के निर्देश भी परिक्षेत्रों को जारी किये गये है। स्मार्ट वेमेण्ट के अन्तर्गत गन्ना क्रय केन्द्रों पर गन्ने की तौल की सूचना तथा ग्रासवेट टेयरवेट वाजिब गन्ना मूल्य, बैंक खाता नम्बर आदि की सूचना कृषकों को उनके मोबाइल नम्बरों पर एस.एम.एस. के माध्यम से उपलब्ध करायी जायेगी जिससे कृषकों को अपने तौल एवं गन्ना मूल्य की जानकारी प्राप्त हो सकेगी।
प्रत्येक चीनी मिल में एक कन्ट्रोलरूप स्थापित किये जाने, जिसमें गन्ने से सम्बन्धी वरिष्ठ अधिकारी को तैनात किये जाने हेतु चीनी मिलों को निर्देष्?िशत किया गया है जिससे कृषकों को अपनी गन्ना आपूर्ति के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने में सुविधा होगी। प्रत्येक क्रय केन्द्र पर फ्लैक्स/आयरन बोर्ड पर क्षेत्रीय अधिकारियों के मोबाईल नम्बर एवं गन्ना आयुक्त कार्यालय के कन्ट्रोल रूम का टोल-फ्री नम्बर 1800-121-3203 अनिवार्य रूप से उचित स्थान पर प्रदर्शित किया जायेगा जिससे किसी प्रकार की अव्यवस्था की स्थिति में कृषक विभाग को अपनी समस्याओं से अवगत करा सकेगे। घटतौली पाये जाने पर सम्बन्धित चीनी मिल के साथ-साथ तौलन यन्त्र विनिर्माता कम्पनी के विरूद्व सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराये जाने के निर्देश भी दिये गये है।
उक्त के अतिरिक्त गन्ना आयुक्त द्वारा मिल गेट एवं बाह्य क्रय केन्द्रों का औचक निरीक्षण कराये जाने तथा अन्तर्जनपदीय टीम बनाकर औचक निरीक्षण कराये जाने के निर्देश पारित किये गये है। जिससे घटतौली की कुप्रथा को समूल रूप से नष्ट किया जा सके।