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हड़ताल के समर्थन में रक्षा कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

उत्तराखंड

देहरादून: आगामी दो सितम्बर हो होने वाले केन्द्रीय कर्मचारियों की हड़ताल के लिए कर्मचारियों ने कमर कस ली है। इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए सोमवार को सयुक्ंत सघर्ष समिति ओएलएफ के बेनर तले गेट मीटिंग का आयोजन किया तथा कर्मचारियों ने शाम को दुपहिया वाहन रैली निकाल प्रदर्शन किया।
इस दौरान अपने सम्बोधन में सयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक प्रदीप कुमार ने कहा कि कर्मचारियों की 12 सूत्री मांगों को लेकर तमाम रक्षा कर्मचारी 02 सितम्बर, 2015 को एक दिन की हड़ताल में शामिल होंगे तथा 02 सितम्बर को होने वाली हड़ताल के लिए तमाम रक्षा कर्मचारी 04 अगस्त को स्ट्राइक बैलेट लिया था जिसमें कर्मचारियों ने भारी संख्या में हड़ताल का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों इस हड़ताल को लेकर स्ट्राइक नोटिस केन्द्र सरकार को दिया गया था।
उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि रक्षा क्षेत्र में 49ः प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने रक्षा उत्पादन एवं अनुसंधान के क्षेत्र को निजी क्षेत्र में देने के लिए आयुध कारखाना बोर्ड की पहचान को बदलकर डिपार्टमेन्टल कमर्शियल अण्डर टेकिंग करने आर्डनैन्स फैक्ट्रियों के उत्पादों पर, उत्पाद शुल्क लगाकर कीमत बढ़ाने का विरोध किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार सोसाइटी फोर इन्ट्रिग्रेशन आफ धनुष गन की स्थापना, स्मार्च राकेट के उत्पादन के लिए संयुक्त उपक्रम बनाने एवं टी-90 टैकों एवं हथियारों की ओवर हालिंग के लिए प्राइवेट कम्पनियों को टेन्डर देने जा रही है। केन्द्र सरकार आर्डनैन्स फैक्ट्री बोर्ड की सलाह को नजर अंदाज करते हुए आर्डनैन्स फैक्ट्री बोर्ड का क्वालिटी कन्ट्रोल का ओडिट करने के लिए एक कमेटी की स्थापना की गयी है जिसके कारण डी0जी0क्यू0ए0 के अस्तित्व को खतरा हो जायेगा क्योंकि डी0जी0क्यू0ए0 ही हथियारों का निरीक्षण करती है। प्रदीप कुमार ने कहा कि केन्द्र सरकार ट्रेड एप्रेन्टिस अधिनियम 1926, औधोगिक नियोजन अधिनियम 1946 एवं औधोगिक विवाद अधिनियम 1947 में संशोधन करके ट्रेड यूनियन अधिकारों पर हमले कर रही है। जिसके तहत कम्पनी मालिक मजदूरों का शोषण करने के लिए अधिकृत हो जायेगी।
इम्पलाईज यूनियन की एक द्वार को सम्बोधित करते हुए प्रधान उमाशंकर ने कहा कि केन्द्र्र सरकार मेक इन इण्डिया के नाम पर निजी क्षेत्र को रक्षा उत्पादन के लिए लगातार लाइसैन्स जारी कर रही है रिलायन्स, अंवानी, लार्सन एण्ड टुबो, टाटा, पीपावाव आदि को रक्षा उत्पादन के लिए संसाधन उपलब्ध कराये जा रहें है उन्होंने बताया कि फ्यूचर रेडी कोम्बोट ब्हीकल को सी0वी0आर0डी0 अवाडी में प्रोजेक्ट रुप में कार्य चल रहा है फिर भी केन्द्र सरकार विदेश की कम्पनियों से प्रस्ताव मांगे जा रही हंै। इसी तरह से विभिन्न डीआरडीओ संस्थानों को सरकार बंद करने की कगार पर तुली हुयी है।

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