लखनऊ: प्रयागराज के संगम तट पर 54 दिनों तक चलने वाले माघ मेले को सकुशल एवं सुरक्षित संपन्न कराने के लिए मेला प्रशासन और पर्यटन विभाग की तैयारियां अपने अंतिम चरण में है। मकर संक्रांति से शुरू होने वाले माघ मेला के एक साल बाद वर्ष 2025 महाकुंभ प्रारंभ हो जाएगा। ऐसे में माघ मेला को पूर्वाभ्यास के तौर पर भी देखा जा रहा है।
यह जानकारी आज यहां प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष माघ मेला 15 जनवरी 2024 से शुरू होकर 8 मार्च तक चलेगा। जिसमें छह प्रमुख स्नान पर्व होंगे इनमें पहला स्नान 15 जनवरी को मकर संक्रांति, 25 जनवरी को पौष पूर्णिमा, 9 फरवरी को मौनी अमावस्या, 14 फरवरी को बसंत पंचमी, 24 फरवरी को माघी पूर्णिमा और 8 मार्च को महाशिवरात्रि के पर्व के साथ ही मेले का समापन होगा। हर वर्ष माघ मेले के दौरान पौष पूर्णिमा से लेकर माघ पूर्णिमा तक प्रयागराज के त्रिवेणी घाट में कल्पवास का आयोजन किया जाता है।
श्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस बार मेले में पर्यटन विभाग श्रद्धालुओं के लिए विशेष फूड कोर्ट की व्यवस्था करेगा, जिसमें सभी प्रदेशों के शाकाहारी भोजन उचित दर पर उपलब्ध होंगे। इसी के साथ हाल ही में शुरू हुआ 40 सीटर क्षमता वाला फ्लोटिंग रेस्टोरेन्ट भी श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। मेले को भव्य रूप देने के लिए कई विशेष व्यवस्थाएं और नवीन प्रयोग भी किए जाएंगे। इस बार मेले में खास डिजाइन के चेंजिंग रूम की व्यवस्था भी होगी।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि इस बार के माघ मेले को विस्तार देने के लिए पांच की जगह छह सेक्टरों में बसाया जाएगा। लोगों की संख्या को ध्यान में रखते हुए इस बार मेले में पांच के बजाय छह पांटून पुल भी बनाए जाएंगे। पहली बार मेले में सोलर हाइब्रिड लाइटों का प्रयोग किया जाएगा और सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने का काम स्वास्थ्य विभाग के बजाय अब प्रयागराज मेला प्राधिकरण करेगा। इस बार मेला प्लास्टिक फ्री हो, इसके लिए प्रशासन मिट्टी के बर्तनों, दोने-पत्तल और हाथ व जूट से बने बैग्स का प्रयोग सुनिश्चित करेगा।
संस्कृति मंत्री ने बताया कि मेला लगभग 770 हेक्टेयर में बसाया जाएगा और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लगभग 110 किलोमीटर लंबी सुविधाजनक सड़कें बनेंगी और सुरक्षा की दृष्टि से करीब 100 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। मेले में आने वाले लाखो श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सभी प्रमुख स्नानों पर व्यवस्था बनाए रखने के लिए इस बार 14 थाने और 14 फायर स्टेशन के साथ लगभग 5,000 जवानों की तैनाती की जाएगी। साथ ही श्रद्धालुओं को डूबने से बचाने के लिए एनडीआरएफ़, एसडीआरएफ़ दल के साथ 2 रेस्कू बोट भी तैनात की जाएंगी।
पर्यटन व संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि माघ मेला को सफलतापूर्वक और सुरक्षित रूप से आयोजित करने के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। हमने विशेष फूड कोर्ट की व्यवस्था की है ताकि मेले में आने वाले किसी भी यात्री को कोई असुविधा न हो और विधिवत स्नान ध्यान कर सके।