केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव श्री राजेश भूषण ने उच्च स्तरीय केन्द्रीय टीम के उत्तराखंड के दौरे के समय उठाई गई चिंताओं तथा कुम्भ मेले के दौरान कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए कड़े उपायों की आवश्यकता पर जोर देते हुए उत्तराखंड के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है।
हरिद्वार में चल रहे कुम्भ मेले के लिए राज्य द्वारा किए गए चिकित्सा और सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों के उपायों की समीक्षा के लिए एनसीडीसी के निदेशक के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय केन्द्रीय टीम ने 16 -17 मार्च, 2021 को उत्तराखंड का दौरा किया था।
केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने यह भी बताया कि वर्तमान में भारत के 12 से अधिक राज्यों में पिछले कुछ हफ्तों के दौरान कोविड-19 मामलों में उछाल आया है और इन राज्यों से कुम्भ मेले के दौरान तीर्थयात्रियों के हरिद्वार आने की संभावना भी हो सकती है। यह यह भी बताया गया है कि कुम्भ मेले के दौरान पवित्र शाही स्नान के दिनों के बाद स्थानीय जनसंख्या में कोविड-19 के मामलों में उछाल आने की संभावना है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने यह भी बताया कि केन्द्रीय टीम की रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिदिन 10-20 तीर्थयात्री और 10-20 स्थानीय लोग कोविड-19 से संक्रमित हो रहे हैं। इस संक्रमण दर से कुम्भ के दौरान कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ने की आशंका है और कुम्भ मेले के दौरान स्थ्िाति काफी बिगड़ सकती है।
राज्य को सूचित किया गया है कि हरिद्वार में रिपोर्ट की जाने वाली दैनिक परीक्षण संख्याएं (यानी 50,000 रैपिड एंटीजेन टेस्ट और 5,000 आरटीपीआर परीक्षण) बड़ी संख्या में अपेक्षित तीर्थयात्राओं को प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। यह सलाह दी गई है कि तीर्थयात्रियों और स्थानीय जनसंख्या का उचित रूप से परीक्षण किया जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के अनुसार वर्तमान में आरटीपीआर परीक्षणों का हिस्सा काफी बढ़ाया जाना चाहिए।
राज्य सरकार को निम्नलिखित उपाय करने की भी सलाह दी गई है: –
- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए मानक संचालन प्रक्रियाओं का सावधानीपूर्वक पालन करें। इन मानक संचालन प्रक्रियाओं के मुख्य बिंदुओं को प्रसारित करने के लिए प्रदर्शन चिन्ह दर्शाएं।
- कोविड-19 के लक्षणों के मामले में, विशेष रूप से स्थानीय जनसंख्या के बीच, खुद ही रिपोर्टिंग किए जाने के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
- आपातकालीन परिचालन केन्द्रों के माध्यम से एआरआई /आईएलआई मामलों की प्रवृत्ति की निगरानी करके अतिसंवेदनशील जनसंख्या वाले क्षेत्रों में प्रारंभिक चेतावनी संकेत उत्पन्न करने के लिए प्रणाली स्थापित करें।
- संभावित उच्च संचरण क्षेत्रों में परीक्षण बढ़ाने का महत्वपूर्ण लक्ष्य रखना।
- कुम्भ के दिनों में पवित्र स्नान से पहले और बाद में फ्रंटलाइन श्रमिकों का आवधिक परीक्षण जारी रखें।
- पर्याप्त संख्या में गंभीर रोगी देखभाल एवं उपचार सुविधाओं के संचालन को सुनिश्चित करना।
- कोविड के दौरान समुचित व्यवहार का कड़ाई से पालन करने के लिए सभी प्रकार के मीडिया प्लेटफार्मों का उपयोग करके प्रभावी जोखिम संवाद सुनिश्चित करना।
- कोविड के मामलों में तेजी से वृद्धि होने की स्थिति में, तुरंत एनसीडीसी के परामर्श से जीनोम सिक्यूवेंसिंग के लिए नमूने भेजें।
केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने उत्तराखंड सरकार से स्वास्थ्य मंत्रालय की पूर्वोक्त सिफारिशों के अनुरूप राज्य द्वारा किए जा रहे सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी उपायों का जायजा लेने का आग्रह किया है।