नई दिल्ली: वीर सुरेन्द्र साई स्पेस इनोवेशन सेंटर (वीएसएसएसआईसी), ओडिशा के छात्रों के एक समूह ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की। इन छात्रों ने बताया कि उनकी टीम ने उपग्रह प्रक्षेपण यान विकसित किया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक अग्रणी देश है और ये छात्र भी इसमें योगदान देंगे। इन छात्रों के प्रयासों से उनकी प्रतिभा, जिज्ञासा और क्षमताओं पता चलता है। उन्होंने कहा कि पहली बार छात्रों द्वारा एक उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएलवी) विकसित किया गया है। उन्होंने कहा कि छात्रों द्वारा पहले नैनो-सैटेलाइट विकसित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इससे अन्य छात्रों को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने की प्रेरणा मिलेगी। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का विज्ञान के प्रति स्वाभाविक रुचि है और उनके नेतृत्व में सरकार ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विकास के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि ये छात्र इसरो के संपर्क में हैं और इसरो इन छात्रों को उनके प्रयासों के लिए 50 लाख रुपये की वित्तीय तथा तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है। वे आवश्यकता और व्यवहार्यता के आधार पर इसरो की सुविधाओं का भी उपयोग करेंगे।
अंतरिक्ष से संबंधित नवाचारों को प्रोत्साहित करने में इसरो अग्रणी रहा है। छात्रों की टीम ने “छात्रों से संवाद” के एक हिस्से के रूप में इसरो के अध्यक्ष डॉ. के. सिवन के साथ बातचीत की। साउंडिंग रॉकेटों को अपने देश में विकसित करने तथा सफलतापूर्वक प्रक्षेपित करने के लिए, उन्हें लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, 2019 में प्रथम एवं छात्रों की एकमात्र संस्था के तौर पर दर्ज किया गया।