नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम.वेंकैया नायडू ने कहा है कि विद्यार्थियों को अपने मस्तिष्क में करुणा और सेवा की भावना विकसित करनी चाहिए। उपराष्ट्रपति आज आंध्र प्रदेश के तिरुपति में भारतीय विद्याभवन के श्रीवेंकटेश्वर विद्यालय में नवाचार तथा कौशल विकास गतिविधियों को देखने के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के उद्योग मंत्री श्री एन.अमरनाथ रेड्डी तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस स्कूल के विद्यार्थी के रूप में सभी को अपने जीवन में मूल्य स्थापित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अपने माता-पिता, शिक्षकों तथा नागरिकों का सम्मान करना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें अपने मस्तिष्क में करुणा और सेवा की भावना विकसित करना चाहिए और सभी को सामूहिक जिम्मेदारी की भावना के साथ देश के विकास के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने विद्यार्थियों को सलाह दी कि उन्हें युवावस्था से ही अच्छी पुस्तकों को पढ़ने की आदत डालनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे पास व्यक्तित्व को निखारने के लिए अनेक पुस्तकें हैं और इन पुस्तकों में हमारे पुराने संतों,आधुनिक अग्रदूतों के अनुभव वाले असंख्य मूल्य दिए गए हैं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा अपनी प्रासंगिकता खो रही है क्योंकि इसे प्रमाण पत्र तथा ग्रेड प्राप्ति का मानक माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी परिवर्तन होना चाहिए जो अपने देश की भविष्य की पीढ़ी का निर्माण कर सके।