केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ आज आईआईटी इंदौर के 8वें दीक्षांत समारोह में वर्चुअल शामिल हुए। मंत्री ने केंद्रीय विद्यालय, कंप्यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र, केंद्रीय कार्यशाला, अभिनंदन भवन और तक्षशिला व्याख्यान हॉल परिसर की पांच इमारतों का भी उद्घाटन किया। चेयरमैन, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, प्रोफेसर दीपक बी. फाटक ने समारोह की अध्यक्षता की और अध्यक्ष, सीनेट प्रो. नेलेश कुमार जैन ने डिग्री प्रदान की।
सभी स्नातक छात्रों को बधाई देते हुए मंत्री ने कहा कि समाज की बेहतरी के लिए उपयोग किए जाने वाले ज्ञान का उपयोग किया जाना चाहिए। छात्र की वास्तविक परीक्षा तब शुरू होती है जब वह व्यावहारिक जीवन में सैद्धांतिक ज्ञान का उपयोग करता है। श्री पोखरियाल ने उम्मीद जाहिर की कि छात्र प्रगति और ज्ञान के मिशन के ब्रांड एंबेसडर के रूप में अपने ज्ञान का प्रसार करेंगे।
मंत्री को बताया कि आईआईटी इंदौर शोध के क्षेत्र में बढ़िया काम कर रहा है। संस्थान के शिक्षकों ने 2740 शोध पत्र, 35 किताबें और 175 चेप्टर लिखे हैं। यह दूसरी और तीसरी पीढ़ी के आईआईटी संस्थानों में प्रति संकाय का सर्वोच्च प्रशस्ति पत्र सूचकांक है। संस्थान ने 61 पेटेंट दायर किए हैं और इसके एक पेटेंट को मंजूरी भी दी गई है। मंत्री ने अकादमी और उद्योग के बीच अंतर को कम करने के लिए और एक आत्मनिर्भर भारत और नवाचार के लिए आईआईटी इंदौर के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि वर्ष 2020 की एनआईआरएफ रैंकिंग में संस्थान को 10वां, एशियन यूनिवर्सिटी रैंकिंग-2020 में 55वां स्थान और टाइम्स हायर एजुकेशन के यंग यूनिवर्सिटी रैंकिंग में 64वीं रैंक मिली है।
मंत्री ने आईआईटी इंदौर को उसकी नई इमारतों (केंद्रीय विद्यालय, कंप्यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र, केंद्रीय कार्यशाला, अभिनंदन भवन और तक्षशिला व्याख्यान हॉल परिसर), अभिनव कार्यक्रमों और दीक्षांत समारोह के लिए बधाई दी। उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत का शिक्षा मंत्रालय इस तरह के सर्वांगीण विकास के प्रयासों के लिए हरसंभव सहयोग के लिए उनके साथ खड़ा रहेगा।
आईआईटी इंदौर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष प्रोफेसर दीपक बी. फाटक ने कहा, “मैं उन सभी छात्रों को बधाई देता हूं जो आज स्नातक हो रहे हैं और मुझे यकीन है कि आप विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे और हम चाहेंगे कि आप निम्नलिखित बातों पर ध्यान दें। कोविड-19 नाम की मौजूदा महामारी को देखते हुए यह सलाह दूंगा कि हमें धैर्य रखना चाहिए और अपने आत्मसंयम को बनाए रखना चाहिए और महामारी से लड़ना चाहिए। ज्ञान उद्विकास की प्रक्रिया है। मैं आप सभी से अपने विषय में ही नहीं बल्कि अन्य विषयों पर भी लगातार ज्ञान प्राप्त करने का आग्रह करता हूं। अब से आपके पास संस्थान के साथ नए संबंध और रिश्ते होंगे जो एक छात्र होने की तुलना में बहुत अधिक है। आपको अपने संस्थान से जुड़े रहना चाहिए और संस्थान के विकास में योगदान देना चाहिए। अंत में मैं आप सभी को अच्छा सोचने, अच्छा काम करने और एक अच्छा इंसान बनने की सलाह दूंगा।”
दीक्षांत समारोह में विभिन्न पाठ्यक्रमों में छात्रों को कुल 412 डिग्री प्रदान की गईं। स्नातक करने वालों में 233 बीटेक, 58 एमएससी, 57 एमटेक, 6 एमएस (शोध) और 58 पीएचडी के छात्र शामिल हैं। बीटेक छात्रों में क्रमशः सिविल इंजीनियरिंग, और मेटालर्जी इंजीनियरिंग और मैटेरिलय साइंस में स्नातक करने वाले 34 और 31 बीटेक छात्रों का पहला बैच शामिल है। एमटेक छात्रों में मैकेनिकल सिस्टम डिज़ाइन और मेटालर्जी इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता के साथ प्रत्येक 10 छात्रों का पहला बैच शामिल था। एमएससी के 58 छात्रों में पहला बैच एस्टोनॉमी के 7 छात्रों का पहला बैच शामिल है। कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में 6 एमएस (अनुसंधान) छात्रों के पहले बैच ने भी इस दीक्षांत समारोह में डिग्री ली। पीएचडी छात्रों में श्री आनंद पेटारे संस्थान के पहले स्टाफ सदस्य हैं जिन्होंने इंस्टीट्यूट स्टाफ कैटेगरी में अपनी पीएचडी पूरी की है।
सभी स्नातक अंडर ग्रेजुएट छात्रों के बीच सर्वश्रेष्ठ अकादमिक प्रदर्शन के लिए प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया गोल्ड मेडल कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग के श्री सप्तर्षि घोष को सम्मानित किया गया। सर्वश्रेष्ठ अकादमिक प्रदर्शन के लिए कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग की अरुशी जैन, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की खुशबू आहूजा, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के अगम गुप्ता, सिविल इंजीनियरिंग के शाल गुप्ता और मेटालर्जी इंजीनियरिंग एंड मैटेरियल्स साइंस के आशुतोष गुप्ता को इंस्टीट्यूट सिल्वर मेडल प्रदान किया गया।
दो वर्षीय मास्टर्स प्रोग्राम में सभी छात्रों के बीच उच्चतम सीपीआई हासिल करने पर सर्वश्रेष्ट छात्रा के लिए सुश्री श्रीजा तिवारी को ‘बूटी फाउंडेशन गोल्ड मेडल’ प्रदान किया गया। वहीं सर्वश्रेष्ठ बीटेक प्रोजेक्ट के लिए “डिजाइन एंड डेवलपमेंट ऑफ ए ट्री क्लाइंबिंग क्वाड्रुप्ड रोबोट” के लिए चैतन्य मेहता को पुरस्कार मिला। सभी छात्र ऑनलाइन समारोह में शामिल हुए जबकि पुरस्कार विजेता छात्र डिग्री और अवार्ड प्राप्त करने के सशरीर उपस्थित रहे।
सभी पदक विजेताओं ने मुख्य अतिथि से अपने पदक प्राप्त किए जबकि सर्वश्रेष्ठ बीटीपी पुरस्कार और डिग्री निदेशक द्वारा दी जाएगी।
जिन इमारतों का उद्घाटन किया गया उनका विवरण इस प्रकार है:
1- केंद्रीय विद्यालय
तीन मंजिला इमारत 8,628 वर्ग मीटिर में निर्मित है जिसकी लागत 23.35 करोड़ रुपये है।
2. कंप्यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र
दो मंजिला इमारत 2,000 वर्ग मीटर में निर्मित है और इसके निर्माण पर 4.90 करोड़ रुपये खर्च हुए। इसका निर्माण मैसर्स एन.एच. ब्रदर्स मुंबई ने किया है। यह इमारत हाई-इंड परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग (एचपीसी) सुविधा, ईमेल, इंटरनेट और शैक्षणिक सर्वर, अन्य कंप्यूटिंग सर्वर, सुरक्षा के लिए सीसीटीवी नियंत्रण केंद्र, आपातकालीन संचालन कक्ष, संचार कक्ष, डीबीएम, एकीकृत भवन प्रबंधन प्रणाली (आईबीएमएस), कंप्यूटिंग और सूचना प्रौद्योगिकी, बिजली के पैनल, बैटरी और यूपीएस, स्टॉफ के लिए कार्यालय आदि से लैस है।
3. केंद्रीय कार्यशाला
यह इमारत 2,594 वर्ग मीटर के एरिया में बनी है और इसके निर्माण पर कुल 8.02 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इमारत के मुख्य हिस्से में मैकेनिकल इंजीनियरिंग वर्कशॉप है। इसमें मशीनिंग सेक्शन, फाउंड्री सेक्शन, वेल्डिंग सेक्शन, फॉर्मिंग सेक्शन, प्लास्टिक पार्ट्स विनिर्माण अनुभाग, बढ़ईगीरी अनुभाग, फिटिंग अनुभाग है। संपूर्ण केंद्रीय कार्यशाला की योजना और क्रियान्वयन प्रो. नीलेश कुमार जैन ने 2011-12 के दौरान किया था। केंद्रीय कार्यशाला में उपलब्ध विभिन्न मशीनों का उपयोग विभिन्न शैक्षणिक प्रोग्राम्स के छात्र द्वारा अपने प्रायोगिक अनुसंधान और परियोजनाओं के लिए उपकरण, सेटअप आदि के निर्माण और / या निर्माण के लिए किया जाता है। इनका उपयोग विभिन्न सहायक उपकरण, उपकरण यानी यूवी आधारित कीटाणुशोधन, पैडल संचालित सैनिटाइजर डिस्पेंसर, डस्टबिन, की-चेन आदि बनाने के लिए किया जाता है।
4. अभिनंदन भवन
यह इमारत 10 मंजिला है जिसका निर्माण 7,347 वर्ग मीटर में किया गया जिस पर 46.96 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। यह आईआईटी इंदौर की सबसे ऊंची इमारत है। इस इमारत के लिए मैसर्स पिथावडियन एंड पार्टनर्स, चेन्नई ने कंसल्टेशन मुहैया कराया जबकि इसका निर्माण केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने किया है। इस इमारत का इस्तेमाल विभिन्न प्रशासनिक मसलन डीन, एसोसिएट डीन, संयुक्त/उप/ सहायक रजिस्ट्रार, रजिस्ट्रार के कार्यालय, निदेशक के कार्यालय और अन्य संस्थान के अधिकारियों के कार्यालयों के लिए किया जाएगा। इस इमारत में विभिन्न प्रशासनिक कार्यालयों के विवरण निम्नलिखित हैं:
5. तक्षशिला व्याख्यान हॉल परिसर
तक्षशिला व्याख्यान हॉल परिसर में तीन इमारतें हैं जिनका निर्माण 19,706 वर्ग मीटर में किया गया है। इस इमारत के मैसर्स एकेए कंसल्टेंट्स इंडिया प्रा. लिमिटेड ने कंसल्टेशन मुहैया कराया है और इसका निर्माण केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के माध्यम से 125.56 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के लिए जमा आधार पर किया जा रहा है।