वाराणसी: इन दिनों शहर के नगर निगम प्रेक्षागृह में चल रहे इन्टरनेशनल मैजिक स्टार शिव कुमार का शानदार लाईव मैजिक शो चल रहा है जहां म्यूजिक अैार फैशन शो का मोहक नजारा भी लेागो को खूब मोहित कर रहा है। तिलिस्मी जादू और हिप्नोटिज्म (सम्मोहन) की दुनिया में फैशन नए जमाने का जलवा बन गया है, तो इसके कारण भी है। यह जमाने के बदलाव के साथ शो मे हो रहे परिवर्तन का प्रतीक है।
भारतीय जादूगरी के ब्रांड एम्बेसडर जादूगर शिव कुमार अगर मंच पर ५० हजार रुपए मूल्य के ड्रेस पहनकर उतरते हैं, तो उनके सहयोगी कलाकारो की ग्लैमरस पोशाके भी कम कीमती नहीं है। हाईटेक दुनियां में दर्शकों को खींचने के साथ-साथ पूरे कार्यक्रम में जोड़े रखने के लिए ग्लैमर का बखूबी प्रयोग भी कला की बारीकियों में शामिल हो गया है। यही कारण है कि मिस्र का जिक्र आते ही जादूगर साफे और मोतियों की माला वाले पोशाक में होते हैं, तो चीन और जापान से जुड़े दृश्यों के लिए वहां के परिधान में। मुगल काल के ड्रेस भी कम भडकीले नहंी हैं, इसे अैार मोहक बनाने के लिए डांस और म्यूजिक को भी वेहद खूबसूरती के साथ शामिल किया गया है। जादू के मंच पर जलवे विखेड़ने वाली परियों के ड्रेस और उनकी अदाएं किसी सुपर मॉडल से कतई कम नही कहा जा सकता और लोगो को आकर्षित करने में इनकी भूमिका भी महत्वपूर्ण है।अलवर वासियो के लिए यह शो मनोरंजन का मुख्य आकर्षण बन गया है।
जादूगर शिव कुमार के दो घंटों के शो में 250 से अधिक पोशाकों का प्रयोग होता है। अकेले शिव कुमार व जूनियर शिव कुमार ही 70 पोशाकें बदलते हैं। उनकी ड्रेस डिजाइनिंग पर नजर डालते तो नवाबों की झलक मिलती है। बेशकीमती कपड़े शनील, साटन से तैयार होते हैं। इन पर जब खूबसूरत किनारी गोटा व जरी के साथ टंके मोती, कुंदन व नगो का प्रयेाग होता है तो आधुनिक फैशन डिजाइनरों को भी मात दे जाते हैं। बाजार में कीमत आंकी जाए तो एक-एक ड्रेस ५० से ६० हजार रुपए से कम में नहीं बनेगी और सच भी है कि जो कपोलकल्पित वेशभूषा हम कथा-कहानियों में पढ़ते-सुनते आते रहे हैं उनको सामने देखने को मिलता हैं। जादूगर शिव कुमार ने कई टी.वी. फिल्म कलाकारों के लिए भी अपने यहां से डेªस दी है और बड़े-बड़े फैशन डिजाइनर्स भी फोटों खींच कर ले जाते रहे हैं। जादू के इस कमाल में इन कपड़ों की करामात भी कम नहीं होती हैं, क्योंकि जब जादू सामने होता है तो लोग ज्यादातर समय तक उसी में उलझे रह जाते हैं। राजा-महाराजा, शेख-फकीर, जादूगर आदि के ड्रेस जिस पर आज का फैशन फेल हो गया है और इसे देख लोग एक बारगी अपने पुरातन विरसों को याद कर उठते हैं। खास बात यह है कि यह ड्रेस अब कहीं मार्किट में नहीं बनाए जाते हैं और न ही इनका डिजाइनिंग संभव है। इसके बावजूद जादूगर सम्राट शंकर इनको आज भी जीवित रखे हुए हैं, जादू की कला के साथ ही। यही नहीं बल्कि इसमें वक्त के बदलाव तथा लोगों की पसंद के मुताबिक बारीकी से आधार पर समय-सयम पर परिवर्तन भी होते रहते हैं।जादू शो मे काम करने वाली हसीनाओं के ड्रेस यूं तो मार्डन युग के हिसाब से डिजायन कराए गए है पर वे वेहद आकर्षक भी है । ये सारे ड्रेसो की डिजायनिंग जादूगर खुद करते है और उनका टेलरिंग विभाग उसे मूर्त रूप देता है।
इन्द्रजाल शो की खास बात यह है कि शो के दौरान हरेक आइटम के साथ उसी से संबंधित ड्रेस धारण की जाती है। अगर इल्यूजन आफ अमरीका का आइटम है तो जादूगर पठान की सफेद डेªस धारण करते हैं। ममी मिस्ट्री आइटम के वक्त हरे रंग का डेªस। इसी तरह से जब योग माया की बारी हो तो भगवा ड्रेस में मंच पर नजर आते हैं। शिव कुमार के मुताबिक इस दौरान इस बात का खास ख्याल रखा जाता है कि कहीं धर्म, संप्रदाय व संस्कृति की मर्यादा खंडित न हो। इस तरह से फैशन के ग्लैमर से भरपूर विश्व विख्यात जादूगर शिव कूमार का मायाजाल अलवर शहर को जमकर चकित और आनन्दित कर रहा है। प्रत्येक शो मे दूर दूर से आ रहे लोग और हॉल के अंदर तालियों की गड़गड़ाहट भी अपने आप में एक जादू ही है। यहंा पहली बार लोगो को एैसा भव्य इन्टरनेशनल लाईव शो देखने को मिल रहा है जिसमे भरपूर मनेारंजन है। जादूगर शिव कूमार के प्रबंधक रमेश शर्मा के अनुसार अब स्कूलो ,क्लबो व ग्रूप बुकिंग के लिए विशेष पैकेज जारी कर दिया गया है।