कृषि तथा किसान कल्याण विभाग वनस्पति संरक्षण तथा वनस्पति क्वारंटीन (एसएमपीपीपीक्यू) योजना के माध्यम से नियामक, निगरानी तथा मानव संसाधन विकास का कार्य कृषि फसलों की गुणवत्ता और उपज में कम से कम नुकसान के लक्ष्य के साथ कार्य करता है। कृषि फसलों की गुणवत्ता और मात्रा को कीड़े, मकोड़े, बीमारियों, घास-पात, कीड़ों तथा चूहे, गिलहरी आदि से नुकसान होता है। विदेशी प्रजातियों के आक्रमण और फैलाव से जैव सुरक्षा को संरक्षित करने के लिए 1200 से अधिक पैक हाउस,राइस मिल्स, प्रोसेसिंग इकाइयों, शोधन सुविधाओं, सुगंधी देने वाली एजेंसियों तथा प्रवेश बाद क्वारंटीन सुविधाओं का पुनःवैधिकरण किया गया है ताकि कृषि निर्यात कार्य में सहायता मिल सके। एकीकृत कीटनाशक प्रबंधन तथा कीटनाशकों के उचित उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए लॉक डाउन के दौरान राज्यों को 14 फसल विशेष तथा कीट विशेष प्रैक्टिस पैकेज जारी किए गए हैं। मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए स्वदेशी कीटनाशक निर्माताओं को 6788 पंजीकरण प्रमाण पत्र (सीआर) तथा कीटनाशकों के निर्यात के लिए 1011 सीआर जारी किए गए हैं। विनाशकारी कीड़ा-मकोड़ा अधिनियम 1914 तथा कीटनाशक अधिनियम 1968 में नियामक कार्य के लिए कानूनी ढांचा का प्रावधान है।
2020-21 के दौरान भारत टिड्डियों को प्रोटोकॉल तथा मानक संचालन प्रक्रियाओं को तय करने के बाद ड्रोन के इस्तेमाल से टिड्डियों पर नियंत्रण करने वाला विश्व का पहला देश बन गया है। राज्यों के सहयोग से केंद्र सरकार द्वारा भारत के इतिहास में सबसे बड़ा टिड्डी नियंत्रण अभियान चलाया गया। 10 राज्यों के 5.70 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रों में टिड्डियों के आक्रमण को काबू में किया गया। टिड्डी नियंत्रण के लिए हेलीकॉप्टरों द्वारा कीटनाशकों के छिड़काव के लिए तैनाती करके टिड्डी सर्किल ऑफिसरों (एलसीओ) की नियंत्रण क्षमताओं को मजबूत बनाया गया है। अभी तक एलसीओ द्वारा 2,87,986 हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण कार्रवाई की गई है जबकि राज्य सरकारों द्वारा 2,83,268 हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण कार्य किया गया है।
कृषि तथा किसान कल्याण मंत्रालय ने 2020 में स्थानीय बाजार में प्याज की कीमत स्थिर रखने और प्याज की उपलब्धता के लिए भारत में प्याज के आयात की शर्तों में छूट दी है। ईरान से गाजर के बीज, उज्बेकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया से गेहूं आटा, बासमती चावल, अनार के बीज से मंगाने तथा आम, बासमती चाबल तथा सिसम के बीज अर्जेंटीना से और 2021 के दौरान पेरू से मूंगफली मंगाने के लिए बाजार पहुंच बनाई गई।