विदेशों में रहने वाले भारतीय अपने वतनवासियों का दर्द महसूस कर रहे है।उन्होंने बीड़ा उठा लिया है कि वो अपने देश के लोगों की मदद हर हाल में करेंगे ।इस मदद का केंद्र बन गये है लखनऊ स्थित आलमबाग गुरुद्वारे के अध्यक्ष निर्मल सिंह,जो विदेश से आयी मदद को लोगों तक पहुंचा रहे है।अध्यक्ष निर्मल सिंह ने बताया कि उनके पास लंदन,अमेरिका,सिंगापुर और कनाडा से बड़ी संख्या मे प्रवासियों के फोन आ रहे हैं और वो भारतीयों की मदद करना चाहते हैं।मदद करने वाले लोग विदेशों से पैसे और चिकित्सकीय उपकरण उनके गुरुद्वारे पर भेज रहे है और वो इस मदद को ज़रुरतमंद लोगों तक पुहंचा रहे है।इन पैसों इस्तेमाल निशुल्क आक्सीजन,मास्क वितरण, रोटी,कपड़ा ,अंतिम संस्कार आदि मह्तवपूर्ण व्यवस्थाओं में हो रहा है ।इस मदद के कार्य में लगे किशोर सिंह ने बातचीत में बताया कि सिंगापुर निवासी नीतू चोपड़ा,अमेरिका मे रह रहे अमरीश बहादुर और हिमांशु गोढवानी ने हम लोगों को राशन की किट उपलब्ध करायी है।ज़रुरतमंदो को आटा,चावल,दाल,सरसों का तेल,नमक हल्दी,धनिया,मिर्चा,खटाई आदि के पैकेट घर घर उपलब्ध कराये जा रहे है।उन्होंने बताया कि 11 गांवो की 21 बस्तियों तक ये मदद पहुंचाने का काम किया जा रहा है।ज़रुरतमंदो को भोजन ,मास्क और सैनिटाइजर दिया जा रहा है।आशियाना,आलमबाग,इंदिरानगर व एलडीए कालोनी सहित लखनऊ के कई हिस्सों में राहत का काम जोरो शोरो से चल रहा है।गुरुद्वारे के अध्यक्ष निर्मल सिंह ने बताया कि घर में क्वारंटाइन संक्रमितों के लिए भी सेवा मौजूद है। कोई भी व्यक्ति मोबाइल नंबर 9670888333 व 9554522225 पर संपर्क कर मदद ले सकता है। वहीं, लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के राजेंद्र सिंह बग्गा व महासचिव हरपाल सिंह जग्गी की ओर से संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार के लिए निश्शुल्क वाहन सुविधा देने की भी शुरुआत की है। कानपुर रोड एलडीए कॉलोनी निवासी प्रांजल सिंह के माता-पिता संक्रमित हो गए थे।उनका ऑक्सीजन लेवल गिरने लगा था । सोमवार को डॉक्टर ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम करने के लिए कहा। खाली सिलेंडर का इंतजाम न होने से वो परेशान थे लेकिन एनआरआई द्वारा दी गयी आर्थिक मदद से गुरुद्वारा ने उनके लिये आक्सीजन की व्यवस्था कर दी गयी और वो अब राहत की सांस ले रहे है।गौरतलब है कि विदेशों से आने वाली मदद आम आदमी तक आसानी से पुहंच जाये इसके लिये प्रधानमंत्री ने आदेश दिये है कि मेडिकल इमरजेंसी वाली सप्लाई का कस्टम क्लीयरेंस जल्द से जल्द किया जाए ताकि ज़ुरुरतमंद को दिक्कत का सामना न करना पड़े और इसका असर अब समाज में दिखने लगा है।