करोना के रावण को हराने के लिये उतर प्रदेश में एक रिटार्यड पीसीएस अधिकारी अजीत प्रताप सिंह ने एक टीम बनायी है जिसे वानर सेना का नाम दिया गया है।जौनपुर, आजमगढ,लखीमपुर,लखनऊ समेत पूरे उत्तर प्रदेश में शायद ही कोई ऐसा जिला हो जहां टीम अजीत के लोग नहीं हों। यूपी में यह एक बड़ी टीम बन चुकी है, जिसे नाम दिया गया है ‘वानर सेना’। इंटरनेट मीडिया को महामारी के दौर में जरूरतमंदों की मदद के लिए एक बड़े प्लेटफार्म के रूप में इस्तेमाल कर टीम अजित ने एक मिसाल कायम की है। फेसबुक, वाट्सएप और फोन पर किसी भी जिले से कोई पुकार आते ही टीम अजित एक्टिव होती है। अस्पताल में बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन, प्लाज्मा या खून, किसी भी जरूरत को यह वानर सेना के लोग चुटकियों में पूरा करते हैं। इसके लिए न किसी रिश्तेदारी की जरूरत है, न सिफारिश अथवा परिचय की। अजित सिंह की फेसबुक वॉल पर किसी की भी पोस्ट आते ही टीम के लोग सक्रिय हो जाते हैं। यह टीम किसी की मदद के लिए मैदान में उतर गई तो पैसे की कमी भी रोड़ा नहीं बनती। फेसबुक के बाद ‘हेल्प टीम ऑफ अजित प्रताप’ नाम से कई वाट्सएप ग्रुप भी बन गए हैं। फेसबुक पोस्ट के माध्यम से इसका जिक्र करते हुए खुद अजीत प्रताप सिंह ने कहा है कि वहां से भी लोग हर मदद करने को तैयार है।
महामारी से पहले भी अजीत किसी न किसी की मदद के लिए फेसबुक पर पोस्ट कर दिया करते थे और चुटकियों में उसे मदद मिल जाती थी। महामारी के दौर में यह आदत एक मिशन बन गई और नामकरण हो गया वानर सेना। आज इस टीम के पांच हजार से ज्यादा सदस्य पूरे देश में सक्रिय हैं।वानर सेना के फेसबुक पेज पर एक हजार से अधिक लोग जुड़े हैं। टीवी, अखबार या फिर सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म पर पीड़ितों की मदद की जानकारी मिलती है तो वानर सेना से जुड़े लोग एक दूसरे को जानकारी देते हैं और उनकी मदद का इंतजाम करते हैं। हाल ही में वानर सेना के कामों से प्रभावित होकर अमेरिका से भी कानपुर के एक देवदूत के एकाउंट में आर्थिक मदद भेजी गई है। खास बात ये है कि वानर सेना के देवदूतों में कई आईएएस, पीसीएस, रिटायर अधिकारी, राजनैतिक दलों के लोग, समाजसेवी जुड़ रहे हैं। यह लोग कोरोना काल में लोग लोगों की पीड़ा बर्दाश्त न कर सके और एक दूसरे की मदद करने का संकल्प लिया, जिसका कारवां बढ़ता जा रहा है।