लखनऊ: गन्ना मूल्य भुगतान में अपेक्षाकृत तेजी न लाने वाली चीनी मिलों के विरूद्ध प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त ने सख्त कार्रवाई करते हुये बडी़ डिफाल्टर मिलों का गन्ना दूसरी चीनी मिलों को व्यावर्तित कर दिया है। गन्ना आयुक्त श्री सुभाष चन्द्र शर्मा ने इस क्रम में पहले कुंदरकी, थाना भवन, मकसूदापुर, बरखेड़ा, करीमगंज एवं चांदपुर के कई गन्ना क्रय केन्द्रों को निकटवर्ती दूसरी चीनी मिलों को डायवर्ट किया और आज गन्ना मूल्य भुगतान की पुनः मानिटरिंग करते हुये गोला, खम्बारखेड़ा, चिलवरिया, बिलारी एवं बेलवाड़ा चीनी मिलों के कई क्रय केन्द्रों को समीपवर्ती चीनी मिलों हेतु व्यावर्तित कर दिया है।
गन्ना आयुक्त ने समीक्षा में पाया कि दिनांक 2-3-2015 तक कुल देय 10,913.14 करोड़ रूपये के सापेक्ष मात्र 7,047.35 करोड़ रूपये का ही भुगतान हुआ है जो कुल देय का 64.58 प्रतिशत हैं आयुक्त के निर्देशानुसार अवशेष 3865.79 करोड़ रूपये पर 66.03 करोड़ रूपये का ब्याज भी लगाया गया है। प्रदेश में कुल 118 चीनी मिलों द्वारा पेराई कार्य किया जा रहा है तथा दिनांक 02-03-15 तक कुल 5390.16 लाख कुन्टल गन्ने की पेराई कर 504.38 लाख कुन्टल चीनी का उत्पादन किया गया है।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष औसत चीनी परता में गत वर्ष के सापेक्ष वृद्धि परिलक्षित हो रही है। इस वर्ष अब तक यह 9.36 प्रतिशत है जबकि गत वर्ष यह मात्र 9.00 प्रतिशत था। गन्ना आयुक्त ने प्रदेश के क्षेत्रीय अधिकारियों को भी निर्देशित किया है कि गन्ना मूल्य भुगतान पर कड़ी निगाह रखें और मुख्यालय के आदेशों का तत्काल अनुपालन करायें।