लखनऊ: प्रदेश की चीनी मिलों पर पेराई सत्र 2013-14 में 12 फरवरी, 2015 तक 19388.17 करोड़ रुपये देय गन्ना मूल्य के सापेक्ष 18747.93 करोड़ रुपये का भुगतान कराया जा चुका है। यह कुल देय का 96.70 प्रतिशत है। वर्तमान में 640.24 करोड़ रुपये का भुगतान अवशेष है।
प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण राज्य मंत्री श्री रामकरन आर्य ने आज विधान सभा में श्री नदीम जावेद एवं अन्य सदस्यों द्वारा पूछे गये अल्पसूचित तारांकित प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री की ओर जवाब देते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कुल 119 चीनी मिलों द्वारा पेराई का कार्य कराया गया था, जिसमें निगम एवं सहकारी क्षेत्र की सभी चीनी मिलों एवं निजी क्षेत्र की 84 चीनी मिलों द्वारा देय गन्ना मूल्य का शत-प्रतिशत भुगतान कर दिया गया है। एक पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया गया कि निजी क्षेत्र की 10 चीनी मिलों में से एक चीनी मिल द्वारा शत-प्रतिशत भुगतान कर दिया गया है। अब केवल 9 निजी चीनी मिलों पर ही गन्ना मूल्य का भुगतान वर्तमान में अवशेष है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कृषकों का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान कराने के लिये पूरी तरह कटिबद्ध है।
पूरक प्रश्न के उत्तर में राज्यमंत्री ने बताया कि 14 दिन के अंदर गन्ना मूल्य का भुगतान न किए जाने की दशा में उस पर ब्याज लगाया जाता है। उन्होंने बताया कि बकायेदार सभी चीनी मिलों के विरुद्ध गन्ना मूल्य भुगतान की वसूली हेतु वसूली प्रमाण-पत्र जारी किए गए हैं तथा इनके विरुद्ध एफ0आई0आर0 भी दर्ज किया गया है।