नई दिल्ली: गुजरात का सूरत शहर, जिसे ‘डायमंड सिटी’ के नाम से भी जाना जाता है, भारत के सबसे गतिशील शहरों में एक है तथा गुजरात के विभिन्न हिस्सों और देश के अन्य राज्यों से प्रवासन के कारण यहां विकास दर सबसे तीव्रतम है। ओडीएफ++ के दर्जे वाले भारत के कुछ प्रमुख शहरों में से एक सूरत स्वच्छता की यात्रा पर चलते हुए प्रेरणादायक कार्य कर रहा है। जब कोविड-19 महामारी की शुरुआत हुई और उसने वैश्विक संकट का रूप अख्तियार कर भारत और उसके शहरों को प्रभावित किया, तो सूरत ने समान भावना प्रदर्शित करते हुए अपने नागरिकों की रक्षा और सेवा करने के लिए त्वरित संकट प्रबंधन योजना विकसित और लागू की, जो गुजरात सरकार के अनुसरण के लिए एक ब्ल्यू प्रिंट बन चुकी है।
महामारी विज्ञान के ट्रायड (एजेंट-होस्ट-एनवायरनमेंट फैक्टर्स) पर विचार करते हुए संचरण की श्रृंखला को तोड़कर मानव से मानव में संक्रमण रोकने, संदिग्ध मामलों का शीघ्र पता लगाने और जिन लोगों में कोविड-19 की पुष्टि हो चुकी है, उनको इष्टतम देखभाल प्रदान करने के स्पष्ट उद्देश्यों के साथ विवरण स्वचालित रूप से उत्पन्न किया गया है। एसएमसी ने कोविड-19 से निपटने के लिए त्रि-आयामी दृष्टिकोण अपनाया, जिसे वे “3-टी रणनीति”- ट्रैक, टेस्ट और ट्रीट कहते हैं।
टैक्स्ट बॉक्स : चित्र-1 : मानचित्र पर सूरत में घर में क्वारंटीन व्यक्तियों का दृश्य
टैक्स्ट बॉक्स : चित्र-2 : सूरत में घर में क्वारंटीन व्यक्तियों की ट्रैकिंग
सभी संदिग्धों की पहचान और परीक्षण करने के लिए स्वचालित रूप से विवरण उत्पन्न किया गया है, एसएमसी ने 5 दिनों के भीतर ‘एसएमसी कोविड-19- ट्रैकर सिस्टम’ विकसित किया, जिसमें विदेश या अंतर-राज्य यात्रा के इतिहास वाले लोगों और कोविड-19 से पीडि़त व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने वाले लोगों को ट्रैक करने के लिए “‘एसएमसी कोविड-19 ट्रैकर” नाम का एक वेब पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन शामिल है। इसके अलावा, एसएमसी ने एक हैल्पलाइन नंबर 1800-123-800 भी शुरू किया है, जहां नागरिक स्वास्थ्य अधिकारियों सहित एसएमसी टीम द्वारा सत्यापित,यात्रा करने वालों या संदिग्धों के बारे में विवरण साझा कर सकते हैं। इसी ऐप का उपयोग क्वारंटीन किए गए लोगों पर नजर रखने और उनमें से किसी में भी लक्षण के विकसित होने पर उनसे संपर्क करने के लिए भी किया जाता है।
प्रौद्योगिकी के अलावा, एसएमसी ने अपशिष्ट प्रबंधन के मामले पर भी प्रबलता से गौर किया है। एमओएचयूए द्वारा जारी विशेष अपशिष्ट प्रबंधन परामर्श का पालन करते हुए एसएमसी घरों में क्वारंटीन सभी परिवारों के घरों से अलग से ठोस अपशिष्ट एकत्र कर रहा है, जिसके लिए अलग से डी2डी संग्रह वाहन तैनात किए जाते हैं और अपशिष्ट को जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट प्रबंधन के दिशानिर्देशों के अनुसार संसाधित किया जाता है। वे इस बात पर विशेष ध्यान दे रहे हैं कि शहर को साफ रखने के लिए साफ-सफाई के साथ-साथ नियमित रूप से ठोस अपशिष्ट संग्रह, परिवहन और निपटान गतिविधियों को भी कुशलतापूर्वक अंजाम दिया जाता रहे।
टैक्स्ट बॉक्स : चित्र-3 : सूरत में सार्वजनिक स्थानों की सफाई
(इस चित्र में बाहरी क्षेत्र, इमारत, सड़क और येलो शामिल हैं)
विवरण स्वचालित रूप से उत्पन्न सार्वजनिक स्थानों के कीटाणुशोधन के मामले में भी एसएमसी के प्रयास स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। कीटाणुशोधन के उद्देश्य से एसएमसी ने कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए अनूठी तिगुना रणनीति बनाई है ताकि शहर के सभी क्षेत्रों का सैनिटाइजेशन करना और उन्हें कीटाणुरहित रखना सुनिश्चित किया जा सके। एसएमसी ने वीबीडीसी और अपनी अग्नि शमन टीम के माध्यम से अपनी गतिविधियों को निम्नलिखित 3 क्षेत्रों में विभाजित किया है:
1. सार्वजनिक स्थानों का दैनिक कीटाणुशोधन और सैनिटाइजेशन: दिशा-निर्देशों के आधार पर प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर छिड़काव वाहनों के द्वारा कीटाणुनाशकों का छिड़काव करके उन्हें कीटाणुरहित किया जाता है।
टैक्स्ट बॉक्स : चित्र-4 :संदिग्ध व्यक्तियों को ले जाने वाली एम्बुलेंस का सैनिटाइजेशन
(इस चित्र में बाहरी क्षेत्र, इमारत, सड़क और ट्रक शामिल हैं)
2. पॉजिटिव पाए गए लोगों वाले क्षेत्र के कीटाणुशोधन का स्वचालित रूप से उत्पन्न विवरण: जिन आवासीय क्षेत्रों से संक्रमित मामलों की पुष्टि हुई हैं, वहां त्वरित कार्रवाई की जा रही है। वहां संक्रमित मामलों की पहचान होते ही उन क्षेत्रों कीटाणुरहित किया जाता है। उस क्षेत्र को मुख्य केंद्र मानते हुए उसका मानचित्रण कंटामिनेन्ट ज़ोन (3 किमी तक का दायरा या प्राधिकरण द्वारा किए गए निर्धारण के अनुसार) और बफर ज़ोन के रूप में किया जाता है ।
टैक्स्ट बॉक्स : चित्र-5 : स्वास्थ्य कर्मी और स्वयंसेवी कोविड-19 के बारे में जागरूकता फैला रहे हैं
(लोगों का समूह एक इमारत के सामने खड़ा है)
अपने नागरिकों को सूचित रखने और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए की जाने वाली कार्रवाइयों से अवगत कराने के लिए सूरत में होने वाली त्वरित आईईसी गतिविधियों के अलावा स्वचालित रूप से उत्पन्न विवरण; यहां उस अभिनव तरीके का उल्लेख करना उपयुक्त होगा, जिसके माध्यम से वे जागरूकता फैलाने के लिए अपने डी2डी वाहनों का उपयोग कर रहे हैं। डी2डी संग्रह वाहनों पर लाउड स्पीकर्स लगाए गए हैं, जिनका उपयोग उनकी नियमित संग्रह यात्राओं के दौरान लोगों को जानकारी देने के लिए किया जा रहा है ताकि संदेश का अधिकतम लोगों तक पहुंचना संभव बनाया जा सके। नागरिकों को अद्यतन जानकारी प्रदान करने के लिए एसएमसी दिन में दो बार मीडिया ब्रीफिंग / प्रेस नोट भी जारी कर रहा है।
टैक्स्ट बॉक्स : चित्र-6 : नागरिकों के बीच सामाजिक दूरी के नियमों की व्याख्या करने वाला पोस्टर (लोगों का एक समूह गली में जा रहा है)
विवरण स्वचालित रूप से उत्पन्न है और संकट प्रबंधन के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में संलग्न कर्मियों के लिए आवश्यक क्षमता निर्माण की महत्वपूर्ण आवश्यकता की पहचान करते हुए एसएमसी ने नोडल अधिकारियों के साथ एक टास्क फोर्स टीम और प्रशिक्षण सहित विशिष्ट कार्यों की पहचान की है जिन्हें महामारी की स्थिति से निपटने का दायित्व सौंपा गया है। इसके अलावा, एसएमसी ने वर्तमान स्थिति में त्वरित राहत प्रदान करने के लिए एक शिकायत निवारण प्रणाली भी बनाई है। स्वच्छता कर्मियों के स्वास्थ्य और कल्याण को ध्यान में रखते हुए एसएमसी ने सभी कार्मिकों को नि:शुल्क व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) उपलब्ध कराया है और इस प्रकार कोरोना वायरस के साथ अग्रिम मोर्चे पर लड़ रहे, स्वच्छता योद्धाओं की रक्षा के लिए अपने संकल्प को प्रदर्शित किया गया है।
इस प्रकार का चुनौतीपूर्ण समय नेताओं और प्रमुख संगठनों के वास्तविक सामर्थ्य की परीक्षा की घड़ी है। एसएमसी के शासी निकाय ने दर्शाया है कि वे नेतृत्वकारी भूमिका जारी रख सकते हैं और शेष देश के लिए इस बात का उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं कि पूरी दुनिया के समक्ष मौजूद संकटपूर्ण स्थिति से विचलित न होते हुए बेहतरीन पद्धतियों का अनुसरण करते हुए त्वरित कार्रवाइयों को अंजाम दिया जाता रहे ।