देहरादून: मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने मीडिया सेंटर सचिवालय में प्रेस वार्ता कर कहा कि भाजपा नेताओं के शराब सिंडिकेट के साथ गहरे संबंध है। इस संबंध में उन्होंने पूर्व में भी प्रेस वार्ता कर मीडिया को जानकारी दी थी
कि भाजपा नेताओं का शराब सिडिकेंट से अमर प्रेम है। इसी बात की पुष्टि फैब्रिकेटेड सी.डी. प्रकरण से उजागर हो गई है। इस मामले में भी ऐसा ही हुआ, जिस कारण केन्द्रीय मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता श्रीमती सीता रमण जी को भी हास्यास्पद स्थिति का सामना करना पड़ा है। क्यांेकि सर्व विदित है कि उत्तराखण्ड में लागू की गई आबकारी नीति में शराब व्यवसाय निजी हाथों से छीनकर सरकारी एजेंसियों ( मंडियां, गढ़वाल मण्डल विकास निगम और कुमांयू मण्डल विकास निगम ) को दिया गया है। जिसके विरूद्ध शराब सिंडिकेट भी उच्च न्यायालय की शरण में गया है कि उपरोक्त व्यवसाय सरकारी एजेंसियों के बदले निजी क्षेत्र को दिया जाय। इस सत्य से भाजपा के प्रदेश नेताओं ने अपने राष्ट्रीय नेतृत्व को अवगत नही कराया गया है। आज उच्च न्यायालय में इस संबंध में सुनवाई हुई है। भाजपा नेताओं द्वारा आज दिखायी गई कथित सीड़ी में न तो सीड़ी का स्थान, दिनांक और समय बताया गया है और न कोई पुख्ता तथ्य रखा गया है। ऐसे में मेरा भाजपा नेताओं से मेरा आग्रह है कि उक्त सीडी की सत्यता कर दे और पुष्टि करे कि किस स्थान, दिनांक और समय पर यह सीडी. बनायी गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में हजारों करोड़ के घोटाले के आरोपों से जूझ रही है। भाजपा के कई राष्ट्रीय नेता जिसमें शांता कुमार जी भी है, जब कह रहे हो, कि इन घोटालों के कारण उनका सिर झुक रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता निजी सिडि़केट के हितों की लड़ाई लड़ने का काम कर ही है और शराब माफियाओं के प्रति इतनी समर्पित रही है कि गैरसैण में आयोजित ऐतिहासिक विधान सभा सत्र को भी शराब माफियों के हित में चलने नही दिया। इसमें किसी भी निजी व्यवसायी को कोई लाभ नही दिया गया है। इसी बात से भाजपा नेता बौखलाये हुए है और शराब व्यवसायियों के हितों में लड़ाई लड़ रहे है।
श्री कुमार ने कहा कि मैं शुरू से ही इस बात को उठाता आया हूं कि भाजपा नेता अपने शीर्ष नेतृत्व को अंधेरे में रख कर आधी अधूरी जानकारी देते है। भाजपा नेता शुरू से उत्तराखण्ड के हितों के विपरीत कार्य करते आ रहे और अपने शीर्ष नेतृत्व को अंधेरे में रख रहे है। जिस कारण उत्तराखण्ड का नुकसान उठाना पड़ रहा है। प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने अपने नेतृत्व से वाहवाही लूटने के लिए ये फैब्रिकेटड सीडी जारी की है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि यदि सीडी की सत्यता प्रमाणित होती है, तो निश्चित रूप से कार्यवाही की जाय।