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सुरेश कुमार खन्ना ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्यो संग की विभागीय समीक्षा बैठक

उत्तर प्रदेश

लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्यो संग विभागीय समीक्षा बैठक आज राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान स्थित सभागार में की। उन्होंने प्रधानाचार्यो को निर्देशित किया कि फेज-1 के मेडिकल कालेजों में जल्द से जल्द पारदर्शिता पूर्वक गुणवत्तापूर्ण फर्नीचर एवं उपकरणों की खरीदारी का कार्य पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि किसी भी लापरवाही के लिए संबन्धित मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य पूर्णतया जिम्मेदार होंगे। उन्होंने समीक्षा बैठक कर विभिन्न जनपदों के प्रधानाचार्यो से उनके यहॉ की वर्तमान स्थिति की जानकारी ली एवं समय सीमा निर्धारित करते हुए कार्य पूर्ण करने हेतु आवश्यक निर्देश दिए। श्री खन्ना ने कहा कि फर्नीचर एवं उपकरणों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें, गुणवत्ता से समझौता बिल्कुल नहीं किया जाएगा।
चिकित्या शिक्षा मंत्री ने विभिन्न मेडिकल कालेजों में वैंटीलेटर्स की वर्तमान स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने न्यूनेटर वेंटीलेटर्स की स्थिति के बारे में भी प्रधानाचार्यो से जानकारी ली। श्री खन्ना ने प्रधानाचार्यो से एचएफएनसी एवं बाईपैप की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोरोन की सम्भावित तीसरी लहर आने से पूर्व हमारी तैयारियॉ पूर्ण रहनी चाहिए ताकि हम इस तीसरी लहर पर नियंत्रण रखने में सक्षम रहें। उन्होंने कहा कि सभी मेडिकल कालेजों में निर्धारित संख्या पीकू बेड के साथ साथ बच्चों के बेड तथा नियोनेटल वेंटिलेटर, आक्सीजन बेड,एचएफएनसी, बाईपैप आदिकी व्यवस्था समय रहते अनिवार्य रूप से कर ली जाए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इन सभी उपकरणों में मानक का ध्यान रखा जाए और इसमंे किसी प्रकार का समझौता नही किया जाए।
श्री सुरेश कुमार खन्ना ने विभिन्न मेडिकल कालेजों में लग रहें आक्सीजन जनरेटेड प्लांट के बारे में भी प्रधानाचार्योसे जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आक्सीजन जनरेशन प्लांट को शीघ्र क्रियाशील कराया जाए।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने आयुष्मान योजना गरीबों के लिए भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न की जाए। यह गरीबों को इलाज दिये जाने की महत्वपूर्ण योजना है। उन्होंने कहा कि सभी मेडिकल कालेजों में आयुष्मान कार्ड धारकों के इलाज के लम्बित दावों को 15 दिन में निस्तारित करायें अन्यथा की दशा में संबंधित मेडिकल कालेज के प्रधानाचर्य के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
श्री खन्ना ने कहा कि प्रधानाचर्यों के कार्य से पूरी संस्था प्रभावित होती है। इस लिए किसी भी प्रकार की लापरवाही एवं शिथिलता बर्दाश्त नही की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे मरीज जिनका इलाज संस्थान में सम्भव है उन्हें रिफर न किया जाए इससे मरीज की स्थिति और खराब होती है।
श्री खन्ना ने कहा कि सभी मेडिकल कालेजों में प्रधानाचार्य महीने के प्रथम और तृतीय शनिवार को एथिक्स पर होने वाले सेमिनार का आयोजन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करायेें। उन्होंने कहा कि मरीजों को बेहतर से बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने कहा कि मरीज एवं तीमारदार ब्यथित मानसिकता का व्यक्ति होता हैं। चिकित्सकों का सरल एवं मृदु व्यवहार ही प्राथमिक रूप से दवा का कार्य करती हैं।

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