नई दिल्ली: केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग तथा नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि पर्यटन सहित अनेक क्षेत्रों में भारत और मोनाको के बीच सहयोग की व्यापक संभावना है। नई दिल्ली में आज भारत-मोनाको बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि फिनटेक, वित्तीय सेवाओं और बैंकिंग से लेकर पर्यटन और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सहयोग के अनगिनत अवसर हैं। आज विकसित हो रही वैश्विक आर्थिक चुनौतियां दो देशों को फिर से संगठित करने और अपने आर्थिक व्यवसाय का विस्तार करने का अवसर पैदा कर रही हैं। साथ ही चीजों को नया आकार देने के अलावा लाभ के क्षेत्र में वर्तमान सहयोग को और गहरा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को कम करने के लिए उच्च प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के साथ जलवायु परितर्वन में सहयोग कर सकते हैं।
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर मोनाको को पर्यटन उद्योग के लिए उभरते अवसर का केंद्र माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में काफी मजबूत संभावनाएं हैं, क्योंकि भारतीय पर्यटक मोनाको में फुरसत और अपूर्व अनुभव देख रहे हैं। भारतीय सहयोगियों के साथ रसायन और पेट्रो रसायन के साथ-साथ प्लास्टिक और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन के क्षेत्र में सहयोगपूर्ण कार्य किये जा सकते हैं।
श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारत 2025 तक 5 खरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है,जिसमें से 3 खरब डॉलर सेवा क्षेत्र से प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए 12 सर्वोत्तम क्षेत्रों की पहचान की गई है। दुनिया की सर्वोच्च प्रति व्यक्ति आय में से एक मोनाको की मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था, उसके उद्योग और सेवा क्षेत्रों से संचालित है और उसकी निवेशक अनुकूल नीतियां,भारतीय कंपनियों के व्यवसाय और निवेश के लिए एक आदर्श स्थल हैं। मोनाको में उभरते हुए अवसर सेवा और कौशल के अनेक क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने के साथ भारत के सबसे भरोसेमंद क्षेत्रों के लिए सहायक हैं।
भारत और मोनाको के बीच 2017-18 में द्विपक्षीय व्यापार 3.01 मिलियन रहा। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने की काफी संभावनाए हैं। भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेशक (अप्रैल 2000 से जून 2018 तक) के रूप में मोनाको का 106वां स्थान है, जिसके साथ एफडीआई का इक्विटी प्रवाह 2.51 मिलियन अमेरिकी डॉलर है।