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सुरेश प्रभु ने लॉजिस्टिक्‍स नीति के मसौदे पर आयोजित प्रथम हितधारक परामर्श संगोष्‍ठी को संबोधित किया

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नई दिल्ली: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने आज नई दिल्‍ली में लॉजिस्टिक्‍स नीति के मसौदे पर आयोजित प्रथम हितधारक परामर्श संगोष्‍ठी को संबोधित किया। इस मसौदे को वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय के लॉजिस्टिक्‍स विभाग ने तैयार किया है। लॉजिस्टिक्‍स नीति पर राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन नई दिल्‍ली में 19-20 फरवरी, 2019 को आयोजित किया जा रहा है।

   इस अवसर पर वाणिज्‍य मंत्री ने कहा कि भारत में लॉजिस्टिक्‍स लागत अन्‍य देशों की तुलना में बहुत ज्‍यादा है। उन्‍होंने कहा कि भारत ने अब विश्‍व में सबसे दक्ष लॉजिस्टिक्‍स प्रदाता बनने का लक्ष्‍य रखा है। श्री प्रभु ने कहा कि इसके लिए वाणिज्‍य मंत्रालय ने राष्‍ट्रीय लॉजिस्टिक्‍स नीति का मसौदा तैयार किया है। यह नीति देश में लॉजिस्टिक्‍स के एकीकृत विकास के लिए समग्र विजन एवं दिशा उपलब्‍ध कराएगी। उन्‍होंने बताया कि इस नीति के बारे में सभी हितधारकों से आवश्‍यक जानकारियां प्राप्‍त करने के लिए दो दिवसीय राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन आयोजित किया गया है। यही हितधारक राष्‍ट्रीय लॉजिस्टिक्‍स पोर्टल के अंतिम उपयोगकर्ता होंगे।

    श्री प्रभु ने यह भी कहा कि इस नीति का उद्देश्‍य एक एकीकृत, निर्बाध, विश्‍वसनीय एवं किफायती लॉजिस्टिक्‍स नेटवर्क के जरिए आर्थिक विकास की गति तेज करना और व्‍यापार से जुड़ी प्रतिस्‍पर्धी क्षमता बढ़ाना है। उन्‍होंने कहा कि लॉजिस्टिक्‍स दरअसल ‘कारोबार में सुगमता’ का एक अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण घटक है, क्‍योंकि कारोबार में 80 प्रतिशत सुगमता लॉजिस्टिक्‍स से ही संबंधित होती है।

    मंत्रालयों के बीच समन्‍वय सुनिश्चित करने के उद्देश्‍य से एक सुदृढ़ गवर्नेंस रूपरेखा स्‍थापित की गई है जिसके तहत सरकार, शिक्षाविदों और उद्योग जगत को एकजुट किया गया है। श्री प्रभु ने वादा किया कि वह व्‍यक्तिगत तौर पर इस योजना के कार्यान्‍वयन पर करीबी नजर रखेंगे और किसी भी तरह की बाधा को दूर करेंगे। उन्‍होंने यह भी बताया कि मंत्रालय एक राष्‍ट्रीय लॉजिस्टिक्‍स कोष स्‍थापित करने में जुटा हुआ है, ताकि इस योजना के कार्यान्‍वयन में मदद मिल सके। उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि दो दिवसीय परामर्श संगोष्‍ठी के दौरान सार्थक चर्चाएं चर्चाएं होंगी। श्री प्रभु ने आश्‍वासन दिया कि हितधारकों द्वारा दिए गए सुझावों को इस नीति में शामिल किया जाएगा।

    इस अवसर पर वाणिज्‍य मंत्री ने एक मोबाइल एप ‘सफर’ लांच किया। इस एप से ट्रांसपोर्टरों को सड़कों पर आवाजाही के दौरान संभावित वास्‍तविक समस्‍याओं का अनुमान लगाने में मदद मिलेगी। यह एप इसके साथ ही उस स्‍थान को स्‍वत: ही रिकॉर्ड कर लेगा, जहां पर कोई समस्‍या उत्‍पन्‍न हुई थी। ट्रांसपोर्टरों एवं ट्रक चालकों के साथ-साथ आम जनता भी लॉजिस्टिक्‍स से संबंधित समस्‍याओं से वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय को अवगत कराने के लिए इस एप का उपयोग कर सकती है। यह एप 8 भाषाओं में उपलब्‍ध है।

   इस अवसर पर विशेष सचिव (लॉजिस्टिक्‍स) श्री एन.शिवासैलम ने कहा कि भारत में लॉजिस्टिक्‍स से जुड़ा व्‍यवसाय 160 अरब अमेरिकी डॉलर का है और यह प्रति वर्ष 7-8 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। उन्‍होंने कहा कि इस नीति का मुख्‍य उद्देश्‍य लॉजिस्टिक्‍स लागत को सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) के मौजूदा 14 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत पर लाना, इस सेक्‍टर में 10-15 मिलियन और रोजगारों को सृजित करना, सभी लॉजिस्टिक्‍स एवं व्‍यापार सुविधा के लिए एकल बिंदु बनना तथा देश में कृषि-लॉजिस्टिक्‍स सुविधा प्रदान कर कृषि क्षेत्र में होने वाले नुकसान को घटाकर 5 प्रतिशत से भी कम के स्‍तर पर लाना है।

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