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सुरेश प्रभु ने भारत-ऑस्‍ट्रेलिया संयुक्‍त मंत्रिस्‍तरीय आयोग के 15वें सत्र की अध्‍यक्षता की

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नई दिल्ली: भारत के वाणिज्‍य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने आज कैनबरा में ऑस्‍ट्रेलिया के व्‍यापार, पर्यटन एवं निवेश मंत्री श्री स्‍टीवन सिओबो के साथ भारत-ऑस्‍ट्रेलिया संयुक्‍त मंत्रिस्‍तरीय आयोग के 15वें सत्र की सह-अध्‍यक्षता की। दोनों ही मंत्रियों ने द्विपक्षीय व्‍यापार और निवेश में वृद्धि करने की जरूरत पर विशेष बल दिया। उन्‍होंने इस विषय पर विचार-विमर्श किया कि किस तरह से पारस्‍परिक ताकतें अर्थव्‍यवस्‍था के आधुनिकीकरण में अहम योगदान दे सकती हैं।

वाणिज्‍य मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने जीएसटी पर अमल, प्रतिस्‍पर्धा नीति, दिवाला एवं दिवालियापन अधिनियम और कारोबार में सुगमता सुनिश्चित करने से जुड़ी पहलों सहित भारत की आर्थिक सुधार यात्रा से जुड़े अनुभवों को साझा किया। ऑस्‍ट्रेलियाई मंत्री श्री सिओबो ने पारस्‍परिक जनसंपर्क के सकारात्‍मक असर पर रोशनी डालते हुए ऑस्‍ट्रेलिया की अर्थव्‍यवस्‍था और बहु-सांस्‍कृतिक सामाजिक संरचना में भारतीय मूल के समुदाय के योगदान को रेखांकित किया। दोनों ही मंत्रियों ने यह बात रेखांकि‍त की कि भारतीय मूल के लोग एक-दूसरे के देश में पारस्‍परिक सहयोग की संभावनाएं पेश करते हैं।

दोनों ही मंत्रियों ने निजी क्षेत्र की महत्‍वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्‍होंने विभिन्‍न समाधान ढूंढने में ऑस्‍ट्रेलियाई और भारतीय कारोबारियों को प्रत्‍यक्ष रूप से जोड़ने तथा इस बारे में सरकार को सूचित करने की अहमियत पर विचार-विमर्श किया।

दोनों ही मंत्रियों ने भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के आपसी हितों वाले विशिष्‍ट उत्‍पादों की पारस्‍परिक बाजार पहुंच से जुड़े मसलों पर भी चर्चा की। दोनों ही मंत्रियों ने यह बात स्‍वीकार की कि इस दिशा में प्रगति हुई है और इसके साथ ही संबंधित मसलों को सुलझाने की दिशा में प्रयास जारी रखने पर सहमति बनी है।

श्री सुरेश प्रभु ने ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री श्री मैल्‍कम टर्नबुल से भी मुलाकात की। उन्‍होंने सौर ऊर्जा के उत्‍पादन एवं भंडारण और ऊर्जा के उपयोग से संबंधित प्रौद्योगिकी तथा विशेषज्ञता के हस्‍तांतरण पर विचार-विमर्श किया। श्री सुरेश प्रभु ने उन्‍हें भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अगुवाई में भारत में जारी आर्थिक सुधार कार्यक्रम से अवगत कराया। इस दौरान वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और जैम (जन धन, आधार और मोबाइल कनेक्टिविटी) ट्रिनिटी पर अमल से जुड़े भारतीय अनुभव पर भी विचार-विमर्श किया गया।

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