नई दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने 14 सितम्बर को अर्जेंटीना के मैर डेल प्लाटा में आयोजित जी-20 के व्यापार मंत्रियों की बैठक (टीएमएम) में भाग लेने वाले भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई की। जी-20 टीएमएम में जी-20 के सदस्य देशों एवं आठ अतिथि देशों के मंत्रियों/उप-मंत्रियों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों जैसे कि डब्ल्यूटीओ, आईटीसी, ओईसीडी, विश्व बैंक, आईएमएफ, सीएएफ और आईएडीबी के सात प्रमुखों/उप-प्रमुखों ने शिरकत की। चूंकि इस साल अर्जेंटीना जी-20 का अध्यक्ष है, इसलिए अर्जेंटीना के विदेश मंत्री श्री जॉर्ज फाउरी और उत्पादन एवं श्रम मंत्री श्री दांते सिका ने विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता की। अर्जेंटीना द्वारा जी-20 की अध्यक्षता करने का उद्देश्य ‘निष्पक्ष एवं सतत विकास के लिए आम सहमति सुनिश्चित करना’ है।
जी-20 टीएमएम से जुड़े कार्यक्रम में ब्रेकफास्ट मीटिंग भी शामिल थी, ताकि मौजूदा वैश्विक व्यापार घटनाक्रमों पर संबंधित विचारों का मुक्त आदान-प्रदान किया जा सके। इस कार्यक्रम में तीन पूर्ण सत्र भी शामिल थे जो वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय व्यापार घटनाक्रमों, कृषि खाद्य पदार्थों से संबंधित वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (जीवीसी) के व्यापार एवं निवेश पहलुओं और नई औद्योगिक क्रांति (एनआईआर) के व्यापार और निवेश पहलुओं से जुड़े एजेंडे के विशिष्ट विषयों पर आयोजित किए गए।
श्री सुरेश प्रभु ने ब्रेकफास्ट मीटिंग सहित इन तीनों सत्रों में भाग लिया। इस दौरान मंत्रियों ने यह राय साझा की कि कुछ देशों के संरक्षणवादी एवं एकतरफा उपायों के कारण उत्पन्न मौजूदा व्यापार तनाव की वजह से वैश्विक व्यापार एवं आर्थिक स्थिति नाजुक हो गई है। इन मंत्रियों ने आपसी संवाद और गठबंधन के जरिए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में विश्वास बढ़ाने की दिशा में सामूहिक रूप से काम करने का संकल्प व्यक्त किया। भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने यह बात रेखांकित की कि व्यापार के क्षेत्र में टकराव के कारण विकासशील देशों और अल्प विकसित देशों को अतिरिक्त नुकसान उठाना पड़ रहा है, इसलिए संबंधित पक्षों के बीच संवाद के जरिए आपसी मतभेदों को सुलझाया जाना चाहिए। उन्होंने जी-20 से वैश्विक व्यापार बढ़ाने के लिए सेवाओं की क्षमता पर फोकस करते हुए व्यापार परिदृश्य बदलने का अनुरोध किया, क्योंकि वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में सेवाओं का योगदान बढ़कर 50 प्रतिशत से भी अधिक हो गया है। नियम आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का अनुमोदन करते हुए श्री सुरेश प्रभु ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के विशिष्ट बर्ताव, आम सहमति सुनिश्चित करने, समावेश एवं पारदर्शिता से जुड़े महत्वपूर्ण सिद्धांतों की अनदेखी किए बगैर इसमें नई जान फूंकने के लिए सामूहिक कदम उठाने का आह्वान किया। ज्यादातर सदस्य देशों ने मार्च 2018 में नई दिल्ली में आयोजित की गई डब्ल्यूटीओ की सफल लघु मंत्रिस्तरीय बैठक को डब्ल्यूटीओ में नई जान फूंकने में भारत का महत्वपूर्ण योगदान बताया।