नई दिल्ली: राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति, 2018 के पैरा 5.3 में अन्य बातोंके अलावा, इसकी परिकल्पना की गई है कि किसी कृषि फसल वर्ष के दौरान, जब कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रत्याशित से अधिक खाद्यान्न आपूर्ति का अनुमान लगाया जाता है तो नीति राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति (एनबीसीसी) के अनुमोदन के आधार पर खाद्यान्न की इस अधिशेष मात्रा को एथनॉल में रूपांतरित करने की अनुमति देगी।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में आज एनबीसीसी की एक बैठक आयोजित हुई जिसमें यह अनुमोदित किया गया कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास उपलब्ध अधिशेष चावल को अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर बनाने एवं एथनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम हेतु मिश्रण करने के लिए एथनॉल में रूपांतरित कर दिया जाए।