कुण्डा| उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुतापा सान्याल ने शुक्रवार को यहां कहा कि आज के दौर में जरूरत इस बात की है कि महिलाएं अपने अधिकारों के बारे में सचेत रहें और किसी भी तरह के उत्पीड़न के विरुद्ध आवाज उठाएं।
जगद्गुरु कृपालु महिला महाविद्यालय द्वारा महिला सशक्तीकरण पर आयोजित एक संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के तौर पर महिला सम्मान प्रकोष्ठ एवं मानवाधिकार के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सान्याल ने आधुनिक दौर में इंटरनेट तथा संचार के अन्य माध्यमों एवं सोशल मीडिया के प्रयोग में सावधानी बरतने की सलाह दी और कहा कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा तभी सुनिश्चित हो सकती है जब पूरे समाज की मानसिकता में बदलाव हो।
कुण्डा क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों से आई करीब चार हजार छात्राओं को संबोधित करते हुए सान्याल ने कहा कि समाज में लिंग आधारित भेदभाव दूर करने के लिए सरकार के साथ गैर सरकारी संगठनों तथा विशेषज्ञों को मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने की सुविधा के साथ महिला सम्मान प्रकोष्ठ के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों की बालिकाओं और महिलाओं को सिटीजन कैडेटस के तौर पर भी पुलिस विभाग से जोड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा, “महिलाओं और बालिकाओं को सुरक्षा और सम्मान प्रदान करना प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है और मुख्यमंत्री के निर्देशों पर गठित उत्तर प्रदेश पुलिस के महिला सम्मान प्रकोष्ठ द्वारा पूरे प्रदेश में महिलाओं और बालिकाओं को उनके अधिकारों और उनकी सुरक्षा के लिए लागू किए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी जा रही है।”
संगोष्ठी में इरा संगठन के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता पवन राणा ने कहा कि महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए मौजूदा कानूनों को प्रभावशाली तरीके से लागू किया जाए। अनुपमा फाउंडेशन की प्रमुख अनुपमा सिंह ने कहा कि आज के दौर में लड़कियों को सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। अंतर्राष्ट्रीय एन.जी.ओ. एक्शन ऐड की कार्यक्रम अधिकारी मनीषा भाटिया ने स्कूलों के पाठ्यक्रमों में बदलाव की वकालत करते हुए कहा कि बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने से संबंधित विषय भी पाठ्यक्रम का हिस्सा होना चाहिए।
संगोष्ठी से पूर्व आयोजित वार्षिक पुरस्कार समारोह में जगद्गुरु कृपालु परिषत् द्वारा संचालित सभी संस्थानों में शैक्षिक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को मुख्य अतिथि सान्याल एवं जगद्गुरु कृपालु परिषत् की अध्यक्षा डॉ. विशाखा त्रिपाठी, श्यामा त्रिपाठी और कृष्णा त्रिपाठी द्वारा पुरस्कृत किया गया। पुरस्कृत होने वालों में कृपालु बालिका प्राइमरी स्कूल की 22 छात्राएं, कृपालु बालिका इण्टरमीडिएट कॉलेज की 27 छात्राएं व कृपालु महिला महाविद्यालय की 36 छात्राएं शामिल रहीं। इंटरमीडिएट कॉलेज के यमुना सदन को भी पुरस्कृत किया गया। पुरस्कार वितरण समारोह के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में गणपति वंदना एवं बेटी बचाओ नृत्य नाटिका का मनोहर मंचन छात्राओं द्वारा किया गया।