नई दिल्लीः पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय द्वारा घोषित स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2018 (एसएसजी 2018) कार्यक्रम 13 जुलाई, 2018 को तीन राज्यों में लांच किया गया।
एसएसजी 2018 के तहत एक स्वतंत्र सर्वेक्षण एजेंसी 1 से 31 अगस्त 2018 के बीच सभी जिलों में सर्वेक्षण करेगी और स्वच्छता के मानदंडों के आधार पर सभी जिलों और राज्यों की रैंकिंग तैयार करेगी। सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले राज्यों और जिलों को 2 अक्टूबर 2018 को सम्मानित किए जाने की उम्मीद है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लखनऊ में एसएसजी कार्यक्रम लॉन्च किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में लोगों से आग्रह किया कि वे घर से बाहर निकलें और गर्व के साथ अपने गांव और आसपास के क्षेत्रों की सफाई करें। उन्होंने स्वास्थ्य और गरिमा के लिए स्वच्छता के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि एसएसजी लोगों के लिए एक स्वर्णिम अवसर है, जब वे स्वच्छता को दैनिक आदत बना सकते हैं।
इससे पहले, झारखंड के मुख्यमंत्री श्री रघुबर दास ने रांची में सर्वेक्षण को लांच किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने लोगों से कहा कि उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि झारखंड को ग्रामीण सर्वेक्षण में शीर्ष स्थान प्राप्त हो, जैसा कि स्वच्छ सर्वेक्षण शहरी में हुआ है। उन्होंने जिला अधिकारियों से सर्वेक्षण को लोकप्रिय बनाने और लोगों को सर्वेक्षण के प्रति जागरूक बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि लोग इस कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी कर रहे हैं।
इस सप्ताह की शुरुआत में महाराष्ट्र सरकार के जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग मंत्री श्री बाबनराव लोनीकर ने पंढरपुर में आयोजित एक समारोह में एसएसजी 2018 कार्यक्रम लॉन्च किया। इस अवसर पर उन्होंने महाराष्ट्र के ग्राम पंचायतों से अपील करते हुए कहा कि उन्हें सर्वेक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए तैयारी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से सामाजिक अभियानों को सफल बनाने की महान परम्परा रही है। उन्होंने पंढरपुर में आषाढ़ एकादशी के अवसर पर दस लाख वर्करियों के इकट्ठा होने का उदाहरण प्रस्तुत किया।
पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के सचिव श्री परमेश्वरन अय्यर भी लखनऊ में लॉन्च के अवसर पर उपस्थित थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एसएसजी 2018 का लक्ष्य एसबीएम-जी मानदंडों पर राज्यों और जिलों के प्रदर्शन के माध्यम से उनकी रैंकिंग तैयार करना है। राष्ट्रीय स्तर के संवाद अभियान के माध्यम से ग्रामीण समुदायों को अपने आस-पास के क्षेत्रों में स्वच्छता व साफ-सफाई के लिए किए जाने वाले कार्यों से जोड़ा जाएगा।
स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण के तहत पूरे भारत में 698 जिलों के 6980 गांवों को शामिल किया जाएगा। इन 6980 गांवों में स्थित 34,000 सार्वजनिक स्थानों जैसे स्कूल, आंगनवाड़ी, सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र, हाट / बाज़ार / धार्मिक स्थानों का सर्वेक्षण किया जाएगा। एसबीएम से संबंधित मुद्दों पर 50 लाख से अधिक नागरिकों से सीधे बातचीत करके उनके फीडबैक को संग्रह किया जाएगा।