देहरादून: जीवा आयुर्वेद, अपनी प्रामाणिक और प्राकृतिक प्रक्रियाओं के लिए जाना जाने वाले दुनिया के सबसे बड़े आयुर्वेद उपचार संस्थानों में से एक है। पुष्य नक्षत्र की शुभ तिथि पर देश भर में जीवा आयुर्वेद के 80 से ज्यादा क्लीनिकों में बच्चों के लिए निरू शुल्क स्वर्णप्राशन कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। इस कैम्प के दौरान 1 से 16 वर्ष की आयु वाले बच्चों को स्वर्णप्राशन की निरूशुल्क ड्रॉप दी जाएगी।
जीवा आयुर्वेद के संस्थापक-निदेशक डॉ. प्रताप चैहान के अनुसार, “स्वर्णप्राशन 16 वैदिक संस्कारों में से एक है, ये स्वर्ण भस्म (गोल्ड ऐश), शहद, घी और गुणकारी जड़ी-बूटियों का मिश्रण होता है। इससे बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता(इम्यूनिटी) को बढ़ाने में मदद मिलती है, ये सोचने- समझने की शक्ति को बढ़ाता है, पाचन क्षमता को बेहतर करता है और उन्हें स्वस्थ रखता है। यह ड्रोप बच्चों को जन्म के तुरंत बाद दी जानी चाहिए और यह ड्रोप उन्हें 16 वर्ष की आयु तक दी जा सकती है।”
ध्यान रखें कि यह ड्रोप खाली पेट ली जानी चाहिए और इस ड्रोप को लेने के 30 बाद मिनट बाद तक कुछ भी नहीं खाना चाहिए। सभी माता-पिता को अपने बच्चों को इस निरूशुल्क कैम्प में जरूर लेकर आना चाहिए ताकि वे अपने बच्चे के लिए स्वस्थ और खुशहाल जीवन की नींव डाल सकें।
जीवा आयुर्वेद की विशेषता प्रत्येक व्यक्ति को उनकी समस्या के अनुसार स्वास्थ्य उपचार और स्वस्थ जीवन प्रदान करने में निहित है। इससे जीवा आयुर्वेद यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी समस्या की गहराई तक जाकर उसे जड़ से खत्म किया जाए।