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टी.बी. के खिलाफ जनांदोलन में सभी की भागीदारी आवश्यक: प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

उत्तर प्रदेश

लखनऊः देश को वर्ष 2025 तक टी.बी. मुक्त बनाने के प्रधानमन्त्री के संकल्प को साकार करने के लिए क्षय उन्मूलन को लेकर शुरू किये गए जनांदोलन में सभी की भागीदारी बहुत जरूरी है। इस उद्देश्य के दृष्टिगत प्रदेश की समस्त स्वास्थ्य ईकाइयों पर आज पहला निःक्षय दिवस मनाया गया। इसी कड़ी में लखनऊ के चिनहट क्षेत्र के अनौरा कलां ग्राम स्थित हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर पर ‘‘निःक्षय दिवस‘‘ का शुभारम्भ श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के कर कमलों द्वारा किया गया। इस अवसर पर श्रीमती अपर्णा उपाध्याय, मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उ0प्र0, डॉ. लिली सिंह, महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, डॉ. शैलेन्द्र भटनागर राज्य क्षय रोग अधिकारी, डॉ. ऋषि सक्सेना, उप राज्य क्षय रोग अधिकारी, डॉ. मनोज अग्रवाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी आदि उपस्थित रहे।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण द्वारा बताया गया कि क्षय उन्मूलन का लक्ष्य हासिल करने के लिए आवश्यक है कि टीबी के संभावित मरीजों की शीघ्र जांच कराकर उनका जल्द से जल्द इलाज शुरू कराया जाए। इसी को ध्यान में रखते हुए टी.बी. मरीजों की शीघ्र पहचान, गुणवत्तापूर्ण इलाज, परामर्श और निःक्षय पोषण योजना का लाभ दिलाने के उद्देश्य से निःक्षय दिवस की शुरुआत गुरूवार से की गयी है। प्रदेश की सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर हर माह की 15 तारीख को इसका आयोजन किया जाएगा। क्षय रोगियों के लिए हर जरूरी दवाएं भी स्वास्थ्य इकाइयों पर उपलब्ध रहेंगी। इस आयोजन की सम्पूर्ण जिम्मेदारी जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सौंपी गयी है।
उन्होंने कहा कि क्षय उन्मूलन में आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ए.एन.एम., प्राथमिक शिक्षक और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सी.एच.ओ.) अहम् भूमिका निभा सकते हैं। आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण कर दो सप्ताह या अधिक समय से खांसी व बुखार वाले, वजन में कमी वाले, भूख न लगने और बलगम से खून आने वाले संभावित टीबी मरीजों की सूची तैयार कर उन्हें हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तक लाना सुनिश्चित करें। कम्युनिटी हेल्थ आफिसर (सीएचओ) द्वारा मरीजों की प्रारम्भिक जांच (उपलब्धता के आधार पर) एचआईवी, डायबिटीज और अन्य जांच सुनिश्चित की जाए। इलाज जितनी जल्दी शुरू होगा संक्रमण का फैलाव उतनी ही तेजी से रुकेगा। सीएचओ जाँच में टीबी की पुष्टि वाले मरीजों के परिवार के अन्य सदस्यों की भी टीबी स्क्रीनिंग करायी जाए। आशा कार्यकर्ता निःक्षय दिवस पर टीबी मरीजों के बैंक खाते का विवरण आशा संगिनी को मुहैया कराएँ और आशा संगिनी सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर (एसटीएस) को निःक्षय पोर्टल पर दर्ज कराने को देंगी ताकि इलाज के दौरान हर माह पोषक आहार के लिए 500 रुपये उनके बैंक खाते में भेजने में आसानी हो। आशा कार्यकर्ता निःक्षय दिवस पर टीबी मरीजों के बैंक खाते का विवरण सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर (एसटीएस) को निःक्षय पोर्टल पर दर्ज कराने को देंगी। इस दिवस पर प्राइवेट प्रैक्टिशनर को टीबी नोटिफिकेशन, कांटेक्ट ट्रेसिंग और फालोअप के लिए प्रेरित किया जाएगा।
प्रमुख सचिव ने कहा कि प्रदेश में करीब 30 प्रतिशत क्षय रोगी निजी चिकित्सकों के द्वारा चिन्हित किये जाते हैं। निजी चिकित्सकों से शत-प्रतिशत टीबी नोटिफिकेशन सुनिश्चित कराया जाए। इसके अलावा बीच में दवा छोड़ चुके मरीजों की सूची तैयार कर उनका फिर से इलाज शुरू कराया जाए। इसके अलावा ओपीडी में आने वाले करीब 10 प्रतिशत संभावित मरीजों की टीबी जांच सुनिश्चित करायी जाए।
मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उ0प्र0 ने बताया कि स्वास्थ्य इकाइयों पर निःक्षय दिवस के आयोजन के दौरान एलईडी के जरिये टीबी के बारे में जागरूकता सम्बन्धी फिल्म भी प्रसारित की जाएँ और निःक्षय दिवस पर मिलने वाली सुविधाओं का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। निःक्षय दिवस की उपलब्धियों को सोशल मीडिया पर भी प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होने बताया कि कम्युनिटी हेल्थ आफिसर (सीएचओ) द्वारा मरीजों की प्रारम्भिक जांच (उपलब्धता के आधार पर) बलगम का नमूना लिया जायेगा और उसे निक्षय पोर्टल पर प्रिज्मेटिव आईडी बनाते हुए नजदीकी टीबी जांच केंद्र पर भेजा जाएगा।

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