लखनऊ: सरकारी प्राइमरी स्कूलों में प्रतिबंधित जिलों से तबादलों की शिकायत अब मुख्यमंत्री तक पहुंच गई है। राज्य सरकार ने 27 जिलों को पूर्ण/ आशिंक रूप से प्रतिबंधित करते हुए यहां से तबादलों पर रोक का ऐलान किया था। शिक्षकों ने ऐलान किया है कि असमानता खत्म करते हुए सभी शिक्षकों का तबादला किया जाए और तबादला सूची को सार्वजनिक किया जाए।
बीते दिनों हुए तबादलों में प्रतिबंधित जिलों से शिक्षकों के जम कर तबादले हुए हैं। ऐसे में शिक्षकों में आक्रोश है कि 9-10 साल की नौकरी करने वाले शिक्षकों-शिक्षिकाओं का तबादला नहीं हुआ और दो साल पहले नियुक्त शिक्षक का ‘पहुंच’ के आधार पर तबादला कर दिया गया। सीतापुर के एक शिक्षक का कहना है कि अकेले सिधौली ब्लॉक से 25 शिक्षकों का तबादला अन्य जिलों में कर दिया गया। वहीं पात्र शिक्षिकाओं या शिक्षकों के तबादले नहीं हुए। इसी तरह बलरामपुर, खीरी, सोनभद्र आदि से भी तबादला होने की खबर है।
उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल, अपर मुख्य सचिव राजप्रताप सिंह, बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह और परिषद के सचिव संजय सिन्हा से करते हुए मांग की है कि तबादले की सूची सार्वजनिक की जाए ताकि तबादले में हुए ‘खेल’ का खुलासा हो सके। वहीं शिक्षकों की मांग है कि इन प्रतिबंधित जिलों में जितने शिक्षक तबादला होकर पहुंचे हैं, उतनी ही संख्या में यहां से शिक्षकों का अन्य जिलों में तबादला कर दिया जाए।
सरकार ने ऐसे जिलों से तबादलों पर रोक लगाई थी जहां स्वीकृत पदों के मुकाबले 15 फीसदी से ज्यादा रिक्तियां हैं। सरकार ने प्राइमरी स्कूलों के 8,918 और जूनियर स्कूलों के 3045 शिक्षकों का तबादला किया था।
इन जिलों पर सरकार ने लगाई थी रोक:
प्राइमरी स्कूल- भदोही, प्रतापगढ़, कानपुर नगर, इटावा, सुल्तानपुर
उच्च प्राथमिक विद्यालय – चन्दौली, मुजफ्फरनगर, सम्भल, रायबरेली, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, औरैया, सीतापुर, पीलीभीत, हरदोई, कुशीनगर, बदायूं, श्रावस्ती, कासगंज, गोण्डा, बहराइच, बलरामपुर, सोनभद्र, शाहजहांपुर व लखीमपुर खीरी
केन्द्र सरकार द्वारा चिह्नित जिले- सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, बहराइच, सोनभद्र, चन्दौली, फतेहपुर, चित्रकूट, बलरामपुर (यहां से दोनों स्तरों पर )