गणतंत्र दिवस 2022 के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए) की झांकी को सर्वश्रेष्ठ केंद्रीय मंत्रालय की झांकी के रूप में चुना गया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की झांकी में क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) और इससे होने वाले समृद्ध लाभांश को प्रदर्शित किया गया। मंत्रालय द्वारा परिकल्पित और एएआई की ओर से कार्यान्वित इस योजना का उद्देश्य क्षेत्रीय संपर्क को आर्थिक रूप से टिकाऊ और किफायती तरीके से बढ़ावा देना है।
2016 में शुरू उड़ान योजना का उद्देश्य ‘उड़े देश का आम नागरिक‘ की परिकल्पना का पालन करके टियर II और III शहरों में एक उन्नत विमानन बुनियादी ढांचे व हवाई संपर्क के साथ आम आदमी की आकांक्षाओं को पूरा करना है। 7 वर्ष की छोटी अवधि में आज 403 उड़ान रूट 65 अनुपयुक्त/असेवित (जो सेवा में नहीं थे) हवाई अड्डों को जोड़ते हैं, जिसमें हेलीपोर्ट और वॉटर एयरोड्रम (लैंडिंग और टेक ऑफ के लिए विमानों द्वारा उपयोग किए जाने वाले खुले पानी का क्षेत्र) शामिल हैं तथा 80 लाख से अधिक लोग इससे लाभान्वित हुए हैं। उड़ान योजना ने पहाड़ी राज्यों, उत्तर-पूर्वी क्षेत्र और द्वीपों सहित पूरे भारत के कई क्षेत्रों को अत्यधिक लाभ पहुंचाया है।
देश की अर्थव्यवस्था पर उड़ान का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और उद्योग के साझेदारों खासकर एयरलाइंस ऑपरेटरों व राज्य की सरकारों से उत्कृष्ट प्रतिक्रिया देखी गई है। इस योजना के तहत अब 350 से अधिक नए शहर जुड़ने वाले हैं, जिनमें से 200 पहले से ही जुड़े चुके हैं और यह व्यापक व भौगोलिक रूप से फैले पूरे देश में कनेक्टिविटी देने के साथ-साथ संतुलित क्षेत्रीय विकास सुनिश्चित करता है, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय आबादी को आर्थिक विकास व रोजगार मिलता है।
इस योजना से सिक्किम में गंगटोक के पास पाक्योंग हवाई अड्डा, अरुणाचल प्रदेश में तेजू हवाई अड्डा और आंध्र प्रदेश में कुरनूल जैसे नए (ग्रीन फील्ड) हवाई अड्डों का विकास भी हुआ। इस योजना से गैर मेट्रो हवाई अड्डों के घरेलू यात्री हिस्से में 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
विमान के आकार की झांकी में सामने के हिस्से में भारत के विमानन में महिला शक्ति का चित्रण करते हुए महिला पायलटों को दिखाया, क्योंकि भारत विश्व स्तर पर महिला वाणिज्यिक पायलटों में सबसे ऊपर है। झांकी के पिछले हिस्से में बौद्ध धर्म के प्रतीक और उड़ान का आदर्श वाक्य. ‘सब उड़ें, सब जुड़ें’ दिखाया गया। मध्य भाग गया में बुद्ध प्रतिमा की विशेषता वाले बौद्ध सर्किट को प्रदर्शित किया गया, जहां उन्होंने ज्ञान प्राप्त किया, धमेख स्तूप, सारनाथ जहां उन्होंने अपना पहला उपदेश (धर्मचक्र परिवर्तन) दिया और महापरिनिर्वाण स्तूप, कुशीनगर जहां उन्होंने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया इन सबको दिखाया गया। झांकी के मध्य भाग के दोनों किनारों में धरोहर स्थलों को दर्शाया गया। इसमें उत्तर से हुमायूं का मकबरा, पूर्व में कोणार्क सूर्य मंदिर, दक्षिण में हम्पी मंदिर का रथ और पश्चिम में अजंता की गुफाएं दिखाई गई हैं, जो हवाई सेवाओं से जुड़ी हैं।