देहरादून: प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, लघु सिंचाई, ग्राम्य विकास, गृह एवं पंचायती राज मंत्री प्रीतम सिंह ने आज विधान सभा स्थित
कार्यालय कक्ष में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना, राज्य खाद्य योजना/एण्ड-टू-एण्ड कम्प्यूटराईजेशन के क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति की जानकारी विभागीय अधिकारियों से ली।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत किये गये कार्यों के सम्बन्ध में अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि राज्य में अक्टूबर 2015 से लागू राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत राज्य को 61.94 लाख जनसंख्या को प्राथमिक परिवारों में चयनित करने का लक्ष्य था जिसके अन्तर्गत अभी तक 13,30404 परिवारों का चयन किया जा चुका है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत अन्त्योदय परिवारों के प्रति कार्ड 13.300 कि.ग्रा. गेहूॅ(रूपये 2 कि.ग्रा.) तथा 21.700 कि.ग्रा. चावाल(रूपये 3 प्रति कि.ग्रा.) एवं प्राथमिक परिवारों को प्रति युनिट 2.00 कि.ग्रा. गेहॅू(रूपये 2 प्रति कि.ग्रा.) तथा 3 किलाग्राम चावल (रूपये 3 प्रति किलाग्राम) उपलब्ध कराया जा रहा है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत जिला शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति तथा राज्य खाद्य आयोग का गठन भी किया जा चुका है और अध्यक्ष तथा सदस्य की नियुक्ति भी हो चुकी है। मंत्री ने अधिकारियों से एण्ड-टू-एण्ड कम्प्यूटराईजेशन के अन्तर्गत एनआइसी के द्वारा राज्य हेतु पी.डी.एस. पोर्टल की प्रगति पर विस्तृत चर्चा की। अधिकारियों ने बताया कि विभाग ने राज्य राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत चयनित परिवारों के जांच पत्रों का डिजिटाईजेशन पूर्ण किया जा चुका है तथा राज्य खाद्य योजना के अन्तर्गत राज्य के अवशेष परिवारों के राशन कार्डों के डिजिटाईजेशन का कार्य गतिमान है। प्रक्रिया को 31 मार्च 2016 तक पूर्ण किये जाने के निर्देश मंत्री ने दिये। अपर सचिव खाद्य आपूर्ति चंद्रेश यादव ने मंत्री को अवगत कराते हुए बताया कि राज्य में वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाने तथा कालाबाजारी पर लगाम लगाने के उद्देश्य से प्रदेश के 196 गोदामों को कम्प्यूटरीकृत करने हेतु एक विशेष मशीन का क्रय विभाग द्वारा किया गया है, जिसकी नेटवर्किंग प्रक्रिया गतिमान है। विभाग मशीन को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में राज्य के मैदानी जिलों की 08 सरकारी गल्ले की दुकानों से शुरू करेंगे। प्रोजेक्ट को बाद में राज्य की 1338 दुकानों को मार्च 2016 तक उन्होंने बताया किआॅटोमेट किया जायेगा। शेष सभी दुकानों को मार्च 2017 तक आटोमेट किया जाना है।
जनता की सुविधा के लिए विभागीय स्तर पर ग्रिवान्सेस रिड्रेसल सुविधा प्रारम्भ करने की कार्यवाही के अन्तर्गत टाॅल फ्री नम्बर 1800-180-2000 चालू कर दिया गया है तथा आॅनलाईन शिकायत निवारण हेतु समाधान पोर्टल को विभागीय पोर्टल से लिंक कर दिया गया है। यह विभागीय पोर्टल के मुख्य पृष्ठ पर प्रदर्शित हो रहा है। उपभोक्ताओं की शिकायतों के यथाशीघ्र निस्तारण हेतु विभाग में भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुरूप कन्ज्यूमर हैल्पलाईन(टाॅल फ्री नं0 1800-180-4188) स्थापित किया जा चुका है। मंत्री ने प्रदेश भर में उपभोक्ताओं को आधार से लिंक किये जाने की धीमी गति पर नाराजगी जतायी और अधिकारियों को निर्देशित किया कि राज्य खाद्य सुरक्षा आयोग की नियमावली तैयार कर शीघ्र प्रस्तुत करें। डिजिटाईजेशन के बाद राज्य से फर्जी कार्ड और उपभोक्ताओं का जाल पूरी तरह समाप्त किया जाये। मंत्री प्रीतम सिंह ने कहा कि जिला स्तर के विभागीय अधिकारी सरकारी दुकानों का नियमित भौतिक निरीक्षण करें केवल कार्यालयों में बैठने तक ही सीमित न रहें। मंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि विभाग अपनी गोदाम पाॅलिसी तैयार करे, जिस पर सचिव व अपर सचिव ने सुझाव देते हुए बताया कि सरकार के पास भूमि की समस्या होने के कारण पीपीपी मोड पर अपने गोदामों का संचालन कर सकती है।
बैठक में प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राधा रतूड़ी, अपर सचिव खाद्य चन्द्रेश कुमार, एफ.सी. जगत सिंह चैहन और जिला खाद्य पूर्ति अधिकारी देहरादून पी.एस.पांगती सहित विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे