प्रदेश के वित्त मंत्री डॉ. प्रेम चन्द अग्रवाल ने विधान सभा स्थित सभागार कक्ष में पुनर्गठन, वन निगम, ऊर्जा एवं सिंचाई आदि विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर उत्तर प्रदेश से उत्तराखण्ड राज्य को मिलने वाली शेष सम्पत्तियों व हिस्सेदारी सम्बन्धी मामलों के सम्बन्ध में समीक्षा की तथा सम्ब्न्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
वित्त मंत्री ने वन निगम से सम्बन्धित मामलों की समीक्षा के दौरान सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि उत्तर प्रदेश द्वारा उत्तराखण्ड वन निगम को जो कुल धनराशि रुपये 563 करोड़ (रुपये 99 करोड़ मूल राशि एवं वर्ष 2017 तक का ब्याज रुपये 464 करोड़) दी जानी है, उस हेतु उत्तर प्रदेश से निरन्तर पत्राचार किया जाय। वहीं उत्तर प्रदेश के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित कर लेनदारी के मामलों के निपटारे हेतु लगातार प्रयास किये जायें।
शहरी विकास मंत्री ने ऊर्जा विभाग से सम्बन्धित मामलों की समीक्षा के दौरान सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि जेपी प्रोजेक्ट (जय प्रकाश प्रोजेक्ट) के शेष रुपये 10 करोड़ लिये जाने हेतु उत्तर प्रदेश के सम्बन्धित अधिकारियों से निरन्तर पत्राचार करें तथा त्वरित कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।
भूमि से सम्बन्धित मामलों की समीक्षा के दौरान पुनर्गठन मंत्री ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड राज्य के हरिद्वार में स्थित 615 हेक्टेयर भूमि जो उत्तर प्रदेश से उत्तराखण्ड को मिल गयी है उसके शासनादेश के सम्बन्ध में कार्यवाही की जाय। इसके अलावा मंत्री ने कहा कि हरिद्वार में स्थित 697 हेक्टेयर भूमि जिस पर उत्तर प्रदेश का स्वामित्व है और उत्तराखण्ड द्वारा मेले आदि अवसरों पर उत्तर प्रदेश से अनुमति के उपरान्त ही प्रयोग में लायी जाती है उत्तराखण्ड के लिए बेहद उपयोगी है, लिहाजा इस 697 हेक्टेयर भूमि का स्वामित्व पाने के लिए भी निरन्तर कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।
वहीं उन्होंने निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड के जनपद उधमसिंह नगर क्षेत्रार्न्गत स्थित 232 हेक्टेयर भूमि के सम्पूर्ण हिस्से को भी उत्तर प्रदेश से प्राप्त करने हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। उन्होंने उत्तराखण्ड के जनपद चम्पावत में स्थित 208 हेक्टेयर भूमि में से भी अधिक से अधिक हिस्से को उत्तर प्रदेश से प्राप्त करने हेतु आवश्यक कार्यवाही के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये।
इस अवसर पर बैठक में सचिव, पुनर्गठन विभाग, डॉ. नीरज खैरवाल, सचिव, सिंचाई विभाग, आर. राजेश कुमार, संयुक्त सचिव, सिंचाई विभाग, जे.एल. शर्मा, संयुक्त सचिव, खेल, देवेन्द्र सिंह एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।