देहरादून: बीजापुर अतिथि गृह में बुधवार देर रात राजकीय शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री हरीश रावत से भेंट की। प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांगों को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। शिक्षकों की मांग थी कि चयन वेतनमान व प्रोन्नत वेतनमान की विसंगतियों को दूर किया जाए। जिस पर मुख्यमंत्री ने शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमण्डल को आश्वस्त किया कि 7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट के बाद एक कमेटी का गठन किया जायेगा
जो अन्य विभागों में भी वेतन विसंगतियांे की जाॅंच करेगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने आश्वासन दिया कि केन्द्र की योजनाओं के अनुरूप ही राज्य कर्मचारियों को लाभ दिया जायेगा। शिक्षक संघ द्वारा ई.एल. बढ़ाये जाने की मांग पर मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को वर्ष में 3 ई.एल. स्वीकृत करने का आश्वासन देते हुए शिक्षकों को वर्ष में एक बार 5-7 दिन की टेªनिंग देने की बात कही।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्रधानाचार्य के बिना किसी भी शिक्षण संस्था को सुधारा नहीं जा सकता अतः प्रधानाचार्य विहीन विद्यालयों में प्रधानाचार्यों के रिक्त पद शीघ्र भरे जायेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षक व कर्मचारियों की सी.आर. व अन्य जानकारियों का कम्प्यूटराईज्ड डाटा होना चाहिये, इसके लिये अभियान चलाया जाए। उत्तराखण्ड में मैनपाॅवर की कोई कमी नहीं है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड के विद्यार्थियों की नैचुरल ग्रोथ नहीं हो पा रही है, जिससे हमारा युवा वर्ग आगे होने वाली प्रतिस्पर्धाओं में पिछड़ते जा रहे हैं, इसलिये शिक्षा का स्तर सुधारना आवश्यक हो गया है। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि वे शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिये जुट जाए, इसके लिये शिक्षकों को वर्ष में कम से कम 5 दिन की टेªनिंग अवश्य दी जाए, जिसके जरिये नये विचारों का आदान प्रदान हो सकेगा।