देहरादून: सचिवालय में मुख्य सचिव एस.रामास्वामी से प्रदेश में दैवीय आपदा से क्षतिग्रस्त परियोजनाओं का निरीक्षण करने भ्रमण पर आयी वल्र्ड बैंक की विशेषज्ञ टीम ने मुलाकात कर दैवीय आपदा में क्षतिग्रस्त तथा विश्व बैंक पोषित परियोजनाओं की गुणवत्ता पर प्रशंसा की।
मुख्य सचिव श्री रामास्वामी द्वारा विश्व बैंक की टीम में शामिल विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों से आवश्यक सुझाव मांगे गये। उन्होंने दैवीय आपदा से क्षतिग्रस्त परियोजनाओं का निर्माण कर रही कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों को विशेषज्ञों के सुझावों को परियोजनाओं में शामिल करने के निर्देश दिए। तथा दैवीय आपदा में क्षतिग्रस्त निर्माणाधीन स्कूल, काॅलेजों, गोदामों, थाना, चैकियों के निर्माण में विशेषज्ञों के सुझावों को शामिल करते हुए परियोजनाओं को अधिक टिकाऊ तथा भूकम्परोधी बनाने के निर्देश दिए।
बैठक में सचिव आपदा अमित सिंह नेगी ने विश्व बैंक की टीम को अवगत कराया कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सुदृढ़िकरण के लिए राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाये है, तथा संभावित आपदा को मद्देनजर रखते हुए प्रदेश में इमरजेंसी रिस्पांस क्षमता को बढ़ाया गया है। उन्होंने प्रदेश में उपयोग में लाई जा रहे हाईड्रोमेट्रोलाॅजिकल नेटवर्क तथा अर्ली वार्निंग सिस्टम की अद्यतन स्थिति से वल्र्ड बैंक टीम को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि दैवीय आपदा से क्षतिग्रस्त विश्व बैंक की सहायता से पोषित 215 सम्पर्क मार्गों में से 75 सम्पर्क मार्ग पूर्ण कर लिए गए है। तथा लगभग 2261 प्रभावित लाभार्थियों के मकान एवं लगभग 20 सार्वजनिक भवनों जिनमें खाद्य गोदाम, इण्टर काॅलेज, अस्पताल, आई.टी.आई., स्कूल आदि शामिल है, को पूर्ण किया जा चुका है।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड शासन से सचिव आपदा अमित नेगी, अपर सचिव आपदा सी.रविशंकर, सचिव लो.नि.वि. अरविन्द सिंह ह्यांकी, विश्व बैंक की ओर से टास्क टीम लीडर विशेषज्ञ इग्नेशियों उरोशिया, डीआरएम विशेषज्ञ दीपक सिंह, आर्कीटेक्ट कंसलटेंट पियूष शेकसरीया, कंसलटेंट मार्क जेडलर, वरिष्ठ पर्यावरण विशेषज्ञ द्रोना राज घिमायर, डिजास्टर रिस्क मैनेजमेंट विशेषज्ञ अनूप करान्थ, आॅपरेशन आॅफिसर सैल हेमंग करेलिया, आॅपरेशन स्पेशलिस्ट सेल यूका माकिनो, दीपक मलिक, डिजास्टर रिस्क मैनेजमेंट विशेषज्ञ कैयको सकोडा, कन्सलटेंट कैरीना फोनसेका फेरे आदि उपस्थित थे।