नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के नीति निर्माताओं और विशेषज्ञों से कहा है कि वे दुनियाभर में उपलब्ध सौर ऊर्जा की विशाल क्षमता का दोहन कर इसे सबके लिए सस्ती बनाने का काम करें। उन्होंनें जीवाष्म स्रोतों पर निर्भरता घटाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधंन-आईएसए के सदस्य देशों से सौर संसाधनों और उससे जुड़ी प्रौद्योगिकी विकसित करने की भी अपील की है।
श्री नायडू ने आज नयी दिल्ली में 24 वें सन मीट के उद्धाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा से न केवल ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी बल्कि इससे पर्यावरण सरंक्षण के साथ ही प्रदूषण घटाने में भी मदद मिलेगी। सन मीट का आयोजन भारतीय लोकप्रशासन संस्थान द्वारा किया गया है।
उपराष्ट्रपति ने बढ़ते वैश्विक तापमान तथा जलवायु परिवर्तन के मानव जीवन पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे में विकास की प्रक्रिया में पर्यावरण संरक्षण का पूरा ख्याल रखा जाना बेहद जरुरी हो गया है। उन्होंने कहा कि सभी देशों को चाहिए कि वे पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण तथा बढ़ते वैश्विक तापमान और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निबटने के लिए अपने नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का भरपूर इस्तेमाल करें। उपराष्ट्रपति ने कहा कि वह चाहते हैं कि हर घर, हर संस्थान और हर संगठन के पास अपनी बिजली मांग को पूरा करने तथा कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए छतों पर खुद के सौर पैनल होने चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने भारत के पास सौर ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी बनने की अपार क्षमता कहा हवाला देते हुए देश में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के विकास के तरीकों पर प्रसन्नता व्यक्त की।
उपराष्ट्रपति ने भारत और फ्रांस को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन का संस्थापक सदस्य बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के संयुक्त प्रयासों से ही जलवायु परिवर्तन से निबटने और जीवाष्म ईंधन के स्थान पर नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए इस योजना को मूर्त रूप दिया जा सका। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन संयुक्त राष्ट्र के क्लाइमेट एक्शन टाइम टू एक्ट नाउ के सपने को साकार करने में काफी मददगार होगा।
श्री नायडू ने कहा कि आईएसए का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन तथा प्रौद्योगिकी लागत को कम करना और 2030 तक सौर ऊर्जा के क्षेत्र में 1000 अरब डॉलर का निवेश जुटाना है। उन्होंने आईआईपीए और आईएसए के बीच किए गए करार पर खुशी जाहिर की। इस अवसर पर बोत्सवाना उपराष्ट्रपति तथा बिजली,नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा,कौशल विकास तथा उद्यमिता राज्यमंत्री श्री आर के सिंह की मौजूदगी में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल हुआ। सम्मेलन में आईएसए के 50 से ज्यादा सदस्य देश शामिल हुए।
इस अवसर पर भारतीय लोकप्रशासन संस्थान के अध्यक्ष टीएन चतुर्वेदी, उपराष्ट्रपति के सचिव डॉ आईवी सुब्बा राव, आईआईपीए के उपाध्यक्ष श्री शेखर दत्त, आईएसए के महानिदेशक उपेन्द्र त्रिपाठी तथा आईआईपीए के निदेशक श्री सुरेन्द्र नाथ त्रिपाठी भी उपस्थित थे।