नई दिल्ली: ब्रिटेन में स्टील उद्योग पर इस समय भारी मंदी चल रही है और टाटा स्टील को भी लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिसके कारण टाटा स्टील ने ब्रिटेन में अपने स्टील कारोबार को बेचने का फैसला किया, टाटा स्टील के इस फैसले से करीब 17,000 लोगों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। केवल रोजगार ही नहीं बल्कि ब्रिटिश अर्थव्यवस्था के लिए भी यह नुकसानदेह है।
कई सासंदों ने स्टील उद्योग को उबारने के लिए पी.एम डेविड कैमरन से दखल देने की मांग की है, जिसके चलते कैमरन इस मसले पर एक अहम बैठक भी करने जा रहे हैं।
टाटा स्टील ने रात एक बयान में कहा, ब्रिटेन के कारोबार से जुड़े टाटा स्टील के निदेशक मंडल के रणनीतिक विचार के बाद उसने अपनी यूरोपीय होल्डिंग कंपनी के निदेशक मंडल को सलाह दी है कि वह पोर्टफोलियो पुनर्गठन के लिए सभी विकल्पों की तलाश करे जिसमें टाटा स्टील यूके की पूर्ण या आंशिक हिस्सेदारी के निवेश का विकल्प भी शामिल है।
टाटा स्टील ने ब्रिटेन के इस्पात क्षेत्र में 2007 की शुरआत में प्रवेश किया। ब्रिटेन का इस्पात क्षेत्र एक समय ब्रिटेन की समूची अर्थव्यवस्था में छाया हुआ था। टाटा ने तब एंग्लो-डच इस्पात निर्माता कंपनी ‘कोरस’ का कड़ी प्रतिस्पर्धा में अधिग्रहण किया। यह किसी भारतीय कंपनी समूह का विदेश में किया गया सबसे बड़ा अधिग्रहण था।
टाटा स्टील ने कहा है कि ब्रिटेन की इकाई को बंद करने का यह फैसला पिछले 12 माह के दौरान ब्रिटेन की इकाई की लगातार बिगड़ती वित्तीय स्थिति को देखते हुए लिया गया।