देहरादून: शिक्षा एक यज्ञ है, इसके उन्नयन के लिए अध्यापकों, अभिभावकों सहित हम सभी के प्रयासों की आवश्यकता है। प्रतिभा किसी क्षेत्र या जाति की मोहताज नहीं होती है। नगर निगम स्थित टाउनहाॅल में अमर उजाला द्वारा आयोजित प्रदेश के मेधावी छात्र छात्राओं के सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं। इन्हें आगे बढ़ने के लिए अवसर उपलब्ध करवाना हम सभी का दायित्व है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने सम्मानित किए जा रहे छात्र छात्राओं को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रदेश जहां सीमित संसाधन हैं और विषम भौगोलिक परिस्थितियां हैं वहां के विकास के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। प्रदेश में शिक्षा का वातावरण तैयार करना होगा जिसके लिए शिक्षकों, अभिभावकों व सिस्टम को सम्मिलित रूप से प्रयास करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का समय कम्पीटीटीव एक्सीलेंस का है। केवल प्रथम आना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि प्रथम में भी प्रथम आना होगा। इसके लिए माता-पिता भी अपने बच्चों की शिक्षा व संस्कार पर व्यक्तिगत तौर पर ध्यान दें। पर्वतीय क्षेत्रों में गुणात्मक शिक्षा के लिए निजी निवेश भी जरूरी है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने उपस्थित बच्चों से कहा कि अभी तो उनके जीवन की केवल शुरूआत है, पूरा जीवनपथ सामने है। इसमें सफलता के लिए अनुशासित, संस्कारित जीवन आवश्यक है।