देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कर अधिकारियों से कर संग्रहण के प्रति विशेष ध्यान देने को कहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने में
कर से जुड़े अधिकारियों की बड़ी जिम्मेदारी है, इस क्षेत्र में नयी संभावनाएं तलाशने की भी बात उन्होंने कही।
सोमवार को रिंग रोड़ स्थित व्यापार कर भवन में प्रदेश के कर अधिकारियों की राज्य स्तरीय कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हम कंज्यूमर स्टेट है। प्लोटिंग पोपुलेशन वाले जनपदों के टैक्स गेप एरिया पर चिन्तन करने की जरूरत है उन्होंने जिलों में कर संग्रहण क्षेत्रों को चिन्हित करने पर बल देते हुए इस दिशा में प्रभावी पहल की आवश्यकता बतायी।
मुख्मयंत्री श्री रावत ने कहा कि आपदा के बाद निर्माण सामग्री की आवक बढ़ी है। इस क्षेत्र में जिस तेजी से आय बढ़नी चाहिए थी उसका अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस दिशा में आ रही कठिनाइयों का निराकरण कर आय के संसाधनों के विकास की तकनीकि विकसित करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। टैक्स चोरी रोकने की दिशा में भी प्रभावी पहल की उन्होंने आवश्यकता बतायी। इसमें भी तकनीकि विकसित की जानी होगी। इस क्षेत्र में जहां सुधार की जरूरत हो वहां किया जाय। इसके लिये सूचना प्रणाली को प्रभावी बनाया जाय।
उन्होंने मनोरंजन कर के क्षेत्र में संभावित आमदानी के श्रोत बढ़ाने की भी बात कही। केबल नेटवर्क तेजी से बढ़ रहा है, इससे बड़ी संख्या में लोग फायदा ले रहे है। इस क्षेत्र में हमारी आय की स्थिति क्या है यह देखे। उन्हांेने टैक्स कलेक्शन प्रक्रिया के सरलीकरण पर भी ध्यान देने को कहा। लोगो से यदि सम्मान के साथ टैक्स देने को कहेंगे तो इससे कर संग्रहण में तेजी आयेगी। आय के संसाधनों में वृद्धि के लिये यदि ढ़ाचागत विकास की जरूरत हो तो इस दिशा में भी प्रभावी पहल की जाय। विभागीय संरचना की मजबूती से भी कर संग्रहण में तेजी आ सकेगी।
बैठक में वित्त मंत्री डा.(श्रीमती) इंदिरा हृदयेश ने भी अधिकारियों से कर संग्रहण में तेजी लाने तथा आय के श्रोतों में बढ़ोतरी के प्रयासों पर बल दिया। उन्होंने कर संग्रहण लक्ष्य में बढ़ोत्तरी कर उसके लक्ष्यों को प्राप्त करने के निर्देश दिये।