नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि शिक्षक राष्ट्रीय विकास के प्रमुख कर्णधार हैं और बुनियादी शिक्षा मातृ भाषा में दी जानी चाहिए। वे आज यहां शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2017 प्रदान किए जाने के बाद उपस्थितजनों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मानव संसाधान विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर और मानव संसाधान विकास राज्य मंत्री श्री उपेन्द्र कुशवाहा सहित अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि आप शिक्षकों की बदौलत हमारी शिक्षा प्रणाली स्थिर गति से उत्कृष्टता की ऊंचाईयों तक बढ़ रही है। आपके शानदार योगदान को मानते हुए सरकार न सिर्फ आपको मान्यता देती है बल्कि आपको प्रतिबद्धता, उत्कृष्टता और कर्तव्यपरायणता का प्रतीक समझती है।
उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि दुनिया के सभी देश भारत को विश्व गुरु मानते है। उन्होंने कहा कि ज्ञान और विद्या के क्षेत्र में हमारा योगदान हजारों वर्ष पुराना है। बहरहाल, आज बच्चों, युवाओं और वयस्कों को बेहतर शिक्षा प्रदान करना हमारे लिए एक चुनौती है।
श्री नायडू ने कहा कि आज के समय में हमें अपनी मानसिकता में बदलाव लाना होगा और ऐसा माहौल तैयार करना होगा जहां मूल्यों और शिक्षकों के प्रति सम्मान की भावना हो। उन्होंने कहा कि मूल्यों को अंगीकार करना होता है और शिक्षकों को अपने आचरण के जरिए अपने छात्रों में समानता, लोकतंत्र, शांति जैसे मूल्यों को निरूपित करना चाहिए।
उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में शिक्षकों को बहुत महत्व दिया जाता है। उन्होंने बताया कि फिनलैंड जैसे देश में पूरा समाज शिक्षकों के सामने नतमस्तक रहता है। उन्होंने कहा कि ये सिद्धांत हमारी प्राचीन भारतीय धरोहर से निकले हैं। उन्होंने स्वामी विवेकानंद का उद्धरण दिया जिसमें स्वामीजी ने कहा था, ‘हम वह शिक्षा चाहते है जिससे चरित्र का निर्माण हो, मस्तिष्क की शक्ति बढ़े, बुद्धि का विस्तार हो और व्यक्ति अपने पैरों पर खड़ा हो सके।’
उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि प्रयोग द्वारा सीखना सबसे अच्छा तरीका होता है। उन्होंने कंफ्यूशियस का उद्धरण दिया जिसमें कंफ्यूशियस ने कहा था, ‘मैं सुनता हूं और भूल जाता हूं। मैं देखता हूं और याद रखता हूं। मैं करता हूं और समझ जाता हूं।’ श्री नायडू ने कहा कि हमें गुरुदेव टैगोर, श्री अरबिन्द और महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलना चाहिए, जो गतिविधियों के जरिए शिक्षण पर बल देते थे। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने देशभर से चुने हुए 45 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2017 प्रदान किए।