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तकनीकी शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक लेते करते विभागीय मंत्री यशपाल आर्य

उत्तराखंड
देहरादून: प्रदेश के राजस्व, सिंचाई, सहकारिता, तकनीकी शिक्षा, ग्रामीण निर्माण विभाग, ग्रामीण सड़कें एवं ड्रेनेज, भारत नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजनाएॅं मंत्री उत्तराखण्ड सरकार यशपाल आर्य ने आज विधान सभा स्थित अपने कक्ष में तकनीकी शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली।

बैठक में तकनीकी शिक्षा मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि तकनीकी शिक्षा में रोजगार की अपार सम्भावनाएॅं हैं। उन्होंने पाॅलिटेक्निक संस्थानों के प्रधानाचार्यों को सख्त निर्देश दिये कि वे अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की मान्यता के मानकों को शीघ्र पूरा कर लें। ताकि संस्थान में पढ़ रहे छात्रों का भविष्य उज्जवल रहे। उन्होंने कहा कि कतिपय पाॅलिटेक्निक संस्थानों में भवन न होने तथा ए.आई.सी.टी.ई. के मानकों के अनुरूप टीचिंग स्टाफ पूर्ण न होने के कारण परिषद से मान्यता नही मिल पा रही है, जिससे मान्यता प्राप्त  संस्थानों के पास आउट छात्रों के डिप्लोमा की वैल्यू जीरो हो जाती है। उन्होंने दूरस्थ एवं सीमान्त क्षेत्रों में खोले पाॅलिटेक्निक संस्थानों में भी युद्ध स्तर पर प्रवक्ता, बिल्डिंग निर्माण, प्रयोगशालाओं का निर्माण का कार्य पूरा करने के लिए सचिव एवं निदेशक तकनीकी शिक्षा को निर्देश दिये तथा उसका निरन्तर अनुश्रवण करने को कहा। उन्होंने एक माह में शीघ्र उनकी जिला अधिकारियों के साथ वीडियों काॅन्फेन्सिंग करने को कहा। उन्होंने कहा कि जिन पाॅलिटेक्निक को ए.आई.सी.टी.ई. से मान्यता नहीं मिली है। उनके प्रधानाचार्य मान्यता हेतु आवेदन कर प्रयास करें तथा जिन पाॅलिटेक्निक संस्थानों ने इस कार्य में ढिलाई बरती उनके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जायेगी।
 सचिव तकनीकी शिक्षा आर.के.सुधांशु से शीघ्र ही समस्त जिला अधिकारियों के साथ वीडियों काॅन्फ्रेन्सिंग आयोजित करने की जानकारी देते हुए पाॅलिटेक्निक संस्थानों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी तथा अवगत कराया की उनके द्वारा भवन विहीन पाॅलिटेक्निक संस्थानों के लिए भूमि उपलब्धता हेतु जिला अधिकारियों एवं विधायक गणों से भी पत्र व्यवहार किया गया है।
तकनीकी शिक्षा मंत्री द्वारा कान्डीखाल में पाॅलिटेक्निक के लिए भूमि उपलब्धता के लिए क्षेत्रीय विधायक विक्रम सिंह नेगी से दूरभाष पर भी वार्ता की गई। तकनीकी शिक्षा मंत्री द्वारा ए.आई.सी.टी.ई के मानकों को पूरा करने के लिए पाॅलिटेक्निक संस्थानों में रिक्त  प्रधानाचायों/प्रवक्ताओं के पदों को युद्ध स्तर पर भरने के निर्देश दिये। ज्ञातव्य है कि पाॅलिटेक्निक संस्थानों में  प्रधानाचार्यों के पदों पर 25 प्रतिशत सीधी भर्ती व 75 प्रतिशत पदोन्नति से भरने का प्राविधान है। बैठक में आयोग से पद भरने तक वाक इन इन्टरव्यू के माध्यम से प्रवक्ता नियुक्त करने के निर्देश दिये।
उन्होंने लोक सेवा आयोग की परिधि में आने वाले पदों के अध्याचन शीघ्र भेजने के निर्देश दिये। भवनों के निर्माण की समीक्षा के दौरान सचिव द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान मे 115 करोड़ की लागत से 21 पाॅलिटेक्निक संस्थानों के भवन नाबार्ड के सहयोग से तथा 91 करोड़ के लागत से 28 पाॅलिटेक्निक एस.पी.ए. के सहयोग से बनाये जा रहे हैं।
बैठक में बताया गया पी.एल.ए में टुल्स एवं मशीन खरीदने के लिए रू0 35 करोड़ की धनराशि रखी गई है। जिसे शीघ्र  उपयोग में लाने के निर्देश तकनीकी शिक्षा मंत्री ने दिये।
इंजीनियरिंग काॅलेजों की समीक्षा के दौरान पौड़ी इंजीनियरिंग काॅलेज की वांड्रीवाल लागत 2.34 करोड़ की धनराशि का अनुपुरक मांग के रूप मे दिलाने के निर्देश तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री आर्य ने दिये। उन्होंने द्वाराहाट इंजीनियरिंग काॅलेज के अतिरिक्त छात्रावास की मांग के लिए भी बजट प्राविधान करने के निर्देश दिये। तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कान्सटेंट  इंजीनियरिंग काॅलेज पिथोरागढ़, उत्तरकाशी, टी.एच.डी.सी.की भी विस्तार से समीक्षा की।
बैठक में सचिव तकनीकी शिक्षा आर.के.सुधाशु, अपर सचिव तकनीकी शिक्षा अक्षत गुप्ता, कुलपति उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय पी.के.गर्ग, सचिव प्राविधिक शिक्षा परिषद हरि सिंह, समन्वयक तकनीकी शिक्षा डा0 आशिस उनियाल, अनुभाग अधिकारी तकनीकी शिक्षा डी.केे.पुनेठा सहित विभाग के अनेक अधिकारी मौजूद थे।

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