नई टिहरी: बसन्तोत्सव के समापन के अवसर पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि टिहरी आगामी दो-तीन साल में विकास का आधुनिक माॅडल के
रुप में उभरेगा तथा यह विकास की नई बुलंदियों को छुऐगा। उन्होने कहा कि अभी तो टिहरी में जो कार्य हुए है वे शुरुआत मात्र है लेकिन भविष्य में यहां पर्यटन के माध्यम से रोजगार के नये अवसर खुलेंगे, जिससे टिहरी के स्वरुप में बसन्त की भांति नये परिवर्तन होगे। उन्होने कहा कि यह राज्य स्तरीय मेला केवल बसन्तोत्सव तक ही सीमित न रहे बल्कि यहाॅ की संस्कृति को जीवित रखने की दिशा मे भी कार्य निरंतर जारी रहे।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बौराडी गाॅधी स्टेडियम में बसन्तोत्सव मेंले के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में शिरकत करते हुए कहा कि राज्य स्तरीय यह बसन्त मेला उत्तराखण्ड की संस्कृति को नये आयाम तथा संस्कृति कर्मियों को अपनी योग्यता का प्रर्दशन करने का मौका देगा। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य ने देश के छः सफलतम राज्यो में अपना स्थान बनाकर 13.55 विकास की दर हासिल की है। उन्होने अपेक्षा की कि वर्ष 2018-19 तक यह दर 18 प्रतिशत तक बढ सकती है, इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जिला पंचायत अध्यक्ष की माॅग पर जिला पंचायत के लिए अतिथि गृह बनाये जाने हेतु जिलाधिकारी को आंगणन तैयार कर शासन मे भेजने के निर्देश दिये है वही उन्होने पर्यटन मंत्री एवं स्थानीय विधायक दिनेश धनै के द्वारा प्रस्तुत आठ सुत्री मांग पत्र पर कहा कि इनमें से आधी माॅगों को इस वर्ष पूरा किया जायेगा तथा शेष पर 2017-18 में कार्यवाही की जायेगी। उन्होने जिला काॅग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शान्ति भट्ट की माॅग पर जाखणीधार के नवाकोट-जोगि याणा -श्रीकोट- रतोली ग्राम तक 3 किमी0 तक मोटर मार्ग निर्माण की घोषण भी की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों का जबतक समावेशी विकास नहीं होगा, तब तक सर्वागीण विकास की परिकल्पना साकार नही हो पायेगी, श्री रावत ने कहा कि विकास के लिए तीन महत्वपूर्ण आधारों पर कार्य करने की आवश्यकता है जिसमे शिक्षा, खेती तथा संस्कृति एवं हस्तशिल्प की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है, उन्होने कहा कि यहाॅ के उत्पाद देश की राजधानी सहित अन्य राज्यों में भी मिले, इसके लिए मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है साथ ही राष्ट्रीय राजमार्गो के महत्वपूर्ण स्थानों पर हस्तशिल्प तथा फूडक्राप्ट की प्रर्दशनी केन्द्र स्थापित किये जायेगे ताकि उत्तराखण्ड में आने वाले पर्यटको एवं चार धाम यात्रियों को यहाॅ की संस्कृति एवं हस्तशिल्प से अवगत कराया जा सके, इस अवसर पर उन्होने सरकार द्वारा कमजोर वर्ग एवं महिलाओ के लिए संचालित विभिन्न पेंशन योजनाओं की जानकारी भी दी। उन्होने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की व्यवस्था की जा चुकी है तथा माध्यमिक एवं स्नातक शिक्षण संस्थाओं में शीघ्र ही अध्यापको की तैनाती की जायेगी। बच्चों के शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए अभिभावकों केा भी ध्यान देना होगा।