देहरादून: टिहरी/कोटेश्वर जल विद्युत परियोजना के निर्माण के कारण उत्पन्न समस्याओं तथा इस सम्बन्ध में निर्धारित नितियों व
शासनादेशों के पालन व स्थितयों का अध्ययन करने हेतु गठित मंत्रिमण्डलीय उप समिति की बैठक विधान सभा स्थित सभागार में आयोजित हुई। समिति के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह पंवार ने पिछले माह 19 जनवरी को हुई समिति की बैठक में सभी सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को एक माह के भीतर समिति में उठे मुद्दों के समाधान व सुझाव सहित आज की बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दियें थे। प्रदेश के शहरी विकास मंत्री प्रीतम सिंह पंवार व उप समिति के सदस्य शिक्षा मंत्री, मंत्री प्रसाद नैथानी व पर्यटन मंत्री दिनेश धनै, प्रताप नगर विधायक विक्रम सिंह नेगी ने विस्थापित ग्रामों के प्रतिनिधियों को भी बैठक में आमंत्रित किया। जिन्होंने अधिकारियों के समक्ष अपनी समस्यायें रखी।
उप-समिति ने टिहरी बांध के विस्थापितों के पुनर्वास आवंटित भूखण्ड, भवन, दुकानों, रजिस्ट्री, भूधरी अधिकार सहित विस्थापितों की अनेक समस्याओं के समाधान हेतु सिंचाई विभाग व टिहरी हाइड्रो पावर काॅर्पोरेशन अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे विस्थापितों के पुर्नवास व क्षतिपूर्ति राशि, पुनर्वास व वैकल्पिक भूमि के अवांटन आदि समस्याआंे के अभी तक बने रहने का मामला सामने आने पर समिति ने टीएचडीसी व पुनर्वास निदेशालय को इन तमाम मुद्दों का समाधान कर पात्रों को नियमों व मानकों के अनुरूप पूर्ण लाभ दिये जाने के निर्देश पिछली बैठक में दिये थे। समस्याओं व समिति सदस्यों के निर्देशों के अनुपालन में आज टीएचडीसी, सिंचाई विभाग व डीएम, एसडीएम टिहरी उत्तरकाशी ने अपनी अनुपालन समिति के समक्ष रखी।
कोटेश्वर बांध प्रभावित दुकानदारों को मुआवजा दिये जाने सम्बंधि मामले पैंडिंग होने, विस्थापितों की दी गयी भूमि या फलैट्स की रजिस्ट्री न कर मात्र आंवटन पत्र टीएचडीसी द्वारा दिये जाने जैसे मुद्दों पर टीएचडीसी ने बताया कि इन दुकानों मकानों आदि की रजिस्ट्री की धनराशि उपलब्ध कराने हेतु सहमति दी गयी है, प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जा चुका है। वहीं समिति सदस्य मंत्री प्रसाद नैथानी के विधान सभा क्षेत्र के ग्रामीणों ने समिति को बताया कि ग्राम भांसों में सभी परिवारों के विस्थापन के बाद गांव में बचे कुल चार परिवारों को विस्थापित श्रेणी से बाहर रखा गया है जबकि पूरा गांव खाली हो चुका है। ग्रामीणों ने बताया कि कोटेश्वर झील का पानी इन घरों के आंगन तक बह रहा है, ऐसे में ये परिवार पात्रता की श्रेणी में न आने के कारण कठिन हालातों में जीवन यापन करने को मजबूर हो रहे है। वहाॅ जलाशय परिधि में शमशाम घाटों के निर्माण के सम्बंध में टीएचडीसी निदेशक डीवी सिंह ने समिति को बताया कि 15 मार्च तक पंाच करोड़ रूपये डीमए टिहरी जिला प्रशासन को दे दिये जायेंगंे। चिन्यालीसौंड़ में 1200 मीटर लम्बाई में सुरक्षा दीवार बनाये जाने का जिम्मा टीएचडीसी ने लिया, जिसका निर्माण कार्य 1 मार्च से शुरू हो जाने का आश्वासन निदेशक टीएचडीसी ने दिया। डोबरा में सीएचसी चिकित्सालय के निर्माण हेतु भूमि की उपलब्धता के सम्बध में टीएचडीसी ने न्यायालय वाद पर समझौता किये जाने हेतु अपने वरिष्ठ अधिकारियों की सहमति बनाये जाने की बात कही। समिति सदस्य व अध्यक्ष ने विस्थापितों को आवंटित भूमि 10 वर्ष तक किसी को विक्रय न किये जाने सम्बंधि शासनादेश को संशोधित कर इस भूमि का विक्रय अधिकार स्वामी को दिये जाने का निर्णय लिया। उक्त शासनादेश को संशोधित किया जायेगा।