भारतीय दूरसंचार क्षेत्र के हितधारकों को योग्य विदेशी खरीददारों से मिलने के अवसर प्रदान करने के लिए, केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी तथा रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने संचार राज्य मंत्री श्री देवुसिंह चौहान, डीसीसी के अध्यक्ष तथा दूरसंचार विभाग के सचिव श्री के. राजारमन आदि प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में आज एक विशेष अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एक्सपो – ‘इंडिया टेलीकॉम 2022’ का उद्घाटन किया।
यह कार्यक्रम दूरसंचार विभाग, विदेश मंत्रालय, विभिन्न देशों में स्थित भारतीय दूतावासों के सहयोग से भारत सरकार के वाणिज्य विभाग की मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव स्कीम (एमएआई) के तहत दूरसंचार उपकरण और सेवा निर्यात संवर्धन परिषद (टीईपीसी) द्वारा 8 फरवरी से 10 फरवरी, 2022 तक आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन में 45 से अधिक देशों के योग्य खरीदार भाग ले रहे हैं। सम्मेलन के अलावा, 40 से अधिक भारतीय दूरसंचार कंपनियां प्रदर्शनी में अपने उत्पादों और क्षमताओं का प्रदर्शन कर रही हैं।
अपने उद्घाटन भाषण में, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी तथा रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “भारत एक प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरा है। आज भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग 75 अरब अमरीकी डॉलर के करीब है। यह 20 प्रतिशत सीएजीआर से ऊंची दर से बढ़ रहा है। अब, हमने एक प्रमुख सेमीकंडक्टर प्रोग्राम शुरू किया है। यह एक बहुत व्यापक कार्यक्रम है, जिसमें सिलिकॉन चिप से लेकर कंपाउंड सेमीकंडक्टरों, डिजाइन आधारित निर्माण, डिजाइन में उद्यमियों की एक श्रृंखला तैयार करके अंततः 85,000 सेमीकंडक्टर इंजीनियरों को तैयार किया जाना है।”
प्रौद्योगिकी के विकास के बारे में, श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “देश ने अपना स्वदेशी विकसित 4जी कोर और रेडियो नेटवर्क भी तैयार किया है। 5जी नेटवर्क भी विकास के अंतिम चरण में है। देश आज 6जी मानकों के विकास में, 6जी की विचार प्रक्रिया में भाग ले रहा है।”
संचार राज्य मंत्री श्री देवुसिंह चौहान ने विशेष भाषण में कहा, “संचार केवल एक सुविधा नहीं है। यह देश के नागरिकों को सूचना, शिक्षा और प्रश्न पूछने का अवसर प्राप्त करने में सशक्त बनाता है और वर्तमान सरकार को जवाबदेह बनाता है। पारदर्शिता तथा जवाबदेही हमारे लोकतंत्र को जीवंत और मजबूत बनाती है। यह सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों के लिए एक प्रमुख प्रेरक है। इसलिए सरकार ने सभी 6 लाख गांवों में आप्टिकल फाइबर पहुंचाने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई है। हम 2.6 लाख गांवों तक पहुंच चुके हैं और दूरसंचार विभाग 2025 तक लक्ष्य हासिल करने की योजना बना रहा है। यह डिजिटल खाई को पाटने के साथ-साथ “न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन” के आदर्श वाक्य को भी चरितार्थ करेगा।
अपने भाषण में डीसीसी के अध्यक्ष और दूरसंचार विभाग के सचिव श्री के. राजारमन ने कहा, “सरकार ने दूरसंचार उपकरणों के लिए आसान बाजार पहुंच के साथ-साथ एक निष्पक्ष और सक्रिय नियामक ढांचा तैयार किया है, जिसने उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर दूरसंचार सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की है। व्यापार को आसान और किफायती बनाने के लिए पिछले साल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर विनियमन और सुधार की दिशा में कई उपाय किए गए हैं। इस साल के अंत में इस तरह के और प्रयासों के साथ दूरसंचार क्षेत्र में सुधार की पहल को और आगे बढ़ाया जा रहा है। उपग्रह आधारित कनेक्टिविटी सहित नई प्रौद्योगिकियों के साथ संभावनाओं का पता लगाने की बढ़ती स्वीकार्यता एक सकारात्मक संकेत है। पूरी तरह से भारत में डिजाइन किए गए, भारतीय 4जी स्टैक का परीक्षण अंतिम चरण में है और हमें उम्मीद है कि कुछ महीनों में यह पूरा हो जाएगा। 5जी तकनीकी उद्योग को विकसित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है, 5जी नए उपयोग किए गए मामलों को जीवन में लाने का मार्ग प्रशस्त करेगा जिससे भारतीय बाजारों के साथ-साथ वैश्विक बाजारों में फिनटेक समाधानों का प्रसार हो सकता है, दुनिया के लिए भारत में 5जी उपकरण का निर्माण किया जा रहा है।”
इंडिया टेलीकॉम 2022 प्रौद्योगिकी और व्यापार विनिमय को एक साथ लाने के लिए एक मंच है। इस मेगा इवेंट को कैलेंडर पर दूरसंचार तथा सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के हितधारकों के लिए ‘अनिवार्य भागीदारी’ के रूप में चिह्नित किया जाना चाहिए, क्योंकि यह रणनीतियों और शिक्षण को समाहित करता है, जो दो सबसे महत्वपूर्ण वर्तमान उद्योगों को उत्कृष्ट बनाता है, जिसमें कई डोमेन में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी से जुड़ी सेवाओं की भारी मांग को एक अवसर के रूप में तैयार करने की क्षमता है। यह नेटवर्क, मिलन और भविष्य को आकार देने का स्थान है!