पृथ्वी शॉ ने अपने टेस्ट करियर की शानदार शुरुआत की और 18 वर्षीय बल्लेबाज ने वेस्टइंडीज के खिलाफ राजकोट में शानदार शतक जमाया। पृथ्वी समेत पूरे देश के लिए के लिए यह पारी विशेष रही क्योंकि इस दौरान शॉ ने कई कीर्तिमान ध्वस्त किए। शॉ ने अपनी पहली ही अंतर्राष्ट्रीय पारी में क्रिकेट के दिग्गजों को अपना मुरीद बना लिया। इसमें ‘क्रिकेट के भगवान’ माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर भी शामिल हैं।
तेंदुलकर ने कहा, ‘मुझे भरोसा था और अब राहत महसूस कर रहा हूं कि पृथ्वी ने पहली ही बार में विशाल स्कोर बनाया। बड़ा सवाल रहता है कि किसी लड़के ने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया तो वह इंटरनेशनल स्तर पर इसे दोहरा पाएगा? पृथ्वी ने इसे साबित किया। इस पारी से आपकी टीम में जगह स्थायी होगी और आपको विश्व के सामने घोषणा करने में मदद मिलेगी कि भारत के स्टार हैं।’
45 वर्षीय तेंदुलकर ने बताया कि पृथ्वी की सबसे बड़ी ताकत क्या है। उन्होंने कहा, ‘मैंने उसे जितनी भी बार देखा है, उसमें पाया है कि वह बहुत जल्दी सीख लेता है। मेरे लिए प्रतिभा एक चीज है, लेकिन आप इस प्रतिभा का उपयोग कैसे करते हैं, वह मायने रखता है। अगर आपको इंटरनेशनल स्तर पर सफल होना है तो जल्द सीखना पड़ेगा। पृथ्वी इस मामले में आगे है। मुझे लगता है कि वह विभिन्न परिस्थितियों में भी खुद को ढालकर अच्छा प्रदर्शन करेगा। यही पृथ्वी की सबसे बड़ी ताकत है।’
तेंदुलकर ने यह भी बताया कि 10 साल पहले पृथ्वी से बात हुई थी तो क्या संवाद हुआ था। मास्टर ब्लास्टर ने कहा, ’10 साल पहले मेरे एक दोस्त ने कहा था कि पृथ्वी के खेल को देखूं। उसने कहा, ‘एक युवा लड़का है जो आपसे मिलना चाहता है और अगर आप भी उसे देखले तो बेहतर होगा।’ दरअसल, पृथ्वी अपने खेल के बारे में विचार करना चाहता था और उस समय वह बेहद युवा था। मैंने उन्हें पहली बार देखा तो अपने दोस्त से कहा कि यह टीम इंडिया के लिए खेलेगा।’
बकौल तेंदुलकर, ‘मैंने अपने दोस्त से कहा कि आप भविष्य के क्रिकेटर की तरफ देख रहे हैं। उन्होंने कहा, आपको भरोसा है? मैंने कहा, ‘मेरे शब्द ध्यान रखना, ये लड़का भारत के लिए खेलकर रहेगा। उस उम्र में पृथ्वी के आंख और हाथ का जो संयोजन था वो शानदार रहा। तकनीकी रूप से वह बेहद सही था। यह नैसर्गिक प्रतिभा है और मुझे लगता है कि ऐसा हर व्यक्ति के पास नहीं होता।’