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चीन के साथ तनाव गहराया, ना फिंगर-4 से हटा, फिंगर-5 से नहीं हटाई मोर्चाबंदी

देश-विदेश

नई दिल्‍ली: चीन के साथ तनाव गहराता जा रहा है. 14 जुलाई को 14 घंटे से भी ज्यादा समय तक चली कोर कमांडर स्तर की चर्चा के बाद चीन ने सेनाओं की वापसी पर किए गए किसी भी वादे पर अमल नहीं किया है. पेंगांग झील में फिंगर 4 की पहाड़ी पर चीनी सैनिकों की एक कंपनी अभी भी तैनात है. वहीं फिंगर-5 पर चीन की पक्की मोर्चाबंदी भी हटाई नहीं गई है. पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 यानी हॉट स्प्रिंग और पेट्रोलिंग प्वाइंट 17 यानी गोगरा में चीनी सेनाएं उतना पीछे नहीं हटी हैं जितनी भारतीय ने मांग की थी.

14 जुलाई को कोर कमांडर स्तर की चौथी बातचीत थी, जबकि मेजर जनरल स्तर की चर्चाएं कई बार हो चुकी हैं. लेकिन चीन पीछे हटने के हर वादे से मुकर गया है. भारतीय सेना ने 22 जून और 30 जून को कोर कमांडर स्तर की चर्चा में चीनी सैनिकों के पीछे हटने की पुष्टि करने की शर्त रखी थी. इसके तहत भारतीय सेना को 72 घंटे तक चीनी सैनिकों के पीछे हटने की निगरानी करने का अधिकार दिया गया था. 6 जुलाई को चीनी सेनाएं गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग और गोगरा से पीछे हटनी शुरू हो गई थीं.

पेंगांग में चीनी सेनाओं ने हालांकि अपना कब्‍जा फिंगर-4 की पहाड़ियों से नहीं हटाया था. चीन ने केवल फिंगर-4 के नीचे से अपनी गाड़ियां और झील से नावें हटाई थीं. फिंगर-4 की पहाड़ी पर ब्राउन पैच और ग्रीन पैच नाम की जगहों पर चीनी सैनिकों की एक कंपनी तैनात है. वहीं फिंगर-5 पर चीन ने बंकर, दीवार जैसे निर्माण किए हैं जिन्हें अब तक नहीं हटाया गया है.

भारतीय सेना की मांग है कि चीनी सैनिक फिंगर-8 के पीछे सिरजाप तक वापस लौटें जहां वो मई से पहले थे. 1962 में भारतीय सेना सिरजाप के भी पीछे तक तैनात रहती थी लेकिन लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) में भारतीय दावा फिंगर 8 तक है. हर साल भारतीय सैनिक यहां गश्त के लिए भी जाते थे. अक्साई चिन से लगते हुए हॉट स्प्रिंग और गोगरा में भी चीनी सैनिकों ने अपने मोर्चे नहीं छोड़े हैं.

भारत ने सैनिक चर्चाओं के साथ-साथ कूटनीतिक चर्चाओं के ज़रिए भी विवाद को सुलझाने की कोशिश की है लेकिन अब तक उसका कोई नतीजा नहीं निकला है. चीन ने बड़े पैमाने पर सैनिकों, टैंकों, बख्तरबंद गाड़ियों और भारी तोपखाने की तैनाती की है जिसे पीछे नहीं हटाया है. भारतीय सेना ने भी जवाबी कार्रवाई में पूर्वी लद्दाख में टी-90 टैंकों, बख्तरबंद गाड़ियों के अलावा तीन डिवीज़न अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया है. भारतीय वायुसेना ने अत्याधुनिक अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर और भारी परिवहन हेलीकॉप्टर चिनूक को लेह में तैनात किया है. एडवांस बेस थोइस पर वायुसेना ने स्वदेशी लड़ाकू हेलीकॉप्टर रुद्र को तैनात किया है. इसके अलावा मिग-29 और सुखोई 30 जैसे फ़ाइटर जेट भी लद्दाख में तैनात कर दिए गए हैं. Zee News

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