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आतंकवाद और गुरदासपुर हमले पर लोक सभा में गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह का वक्तव्य

देश-विदेश

नई दिल्ली: “27 जुलाई, 2015 की सुबह लगभग पांच बजकर तीस मिनट पर सेना की यूनिफॉर्म में भारी तादात में हथियारों से लैस तीन आतंकवादियों ने पंजाब के गुरदासपुर जिले के दीनानगर के आउट्सकर्टस पर दीनानगर निवासी श्री कमलजीत सिंह, पुत्र श्री ज्ञानसिंह की मारुति कार नम्बर पीबी 09बी 7743 पर गोलाबारी करते हुए कार को अपने कब्‍जे में ले लिया। इसके बाद इन आतंकवादियों ने दीनानगर बस स्टैंड के आसपास अंधाधुंध गोलियां चलाईं। उन्‍होंने बामियाल से आ रही पंजाब रोडवेज की बस नम्बर पीबी 06जी 9569 को भी अपना निशाना बनाया। इसके बाद ये आतंकवादी दीनानगर पुलिस स्‍टेशन में घुस गए और सुरक्षा ड्यूटी में तैनात संतरी पर फायर किया। पुलिस स्‍टेशन पर फायरिंग के दौरान होमगार्ड राजिन्दर कुमार और अशोक कुमार घायल हुए। थानाध्‍यक्ष, सब इंस्पेक्टर मुख्तियार सिंह जो पुलिस स्‍टेशन के अंदर थे, जब बाहर निकले तो आतंकवादियों द्वारा उन पर भी फायरिंग कर, उन्‍हें घायल कर दिया गया। आतंकवादी लगातार गोलीबारी करते हुए पुलिस स्‍टेशन में घुसने की कोशिश कर रहे थे। रात्रि की मुंशी ड्यूटी पर तैनात हवलदार राम लाल ने संतरी का हथियार लेकर बहादुरी से आतंकवादियों का सामना किया। हवलदार रामलाल पुलिस स्‍टेशन के अंदर चले गए और उन्‍होंने दरवाजे को अंदर से बंद कर लिया, ताकि आतंकवादी पुलिस स्‍टेशन के अंदर प्रवेश न कर पाएं। अंधाधुंध फायरिंग के कारण पुलिस स्‍टेशन के बगल में स्थित किरण अस्पताल में भर्ती तीन मरीज भी गोली लगने से घायल हो गए, जिनमें से दो लोगों की मृत्यु हो गयी।

इस दौरान ये आतंकवादी पुलिस स्‍टेशन के पीछे बनी बिल्डिंग, जो पंजाब होमगार्ड की स्‍थानीय टुकड़ी के कार्यालय के रूप में प्रयोग में लाई जा रही थी, में फायरिंग करते हुए घुस गए। वहां उपस्थित तीन होमगार्डस् फायरिंग की चपेट में आकर वीरगति को प्राप्‍त हो गए।

तत्‍काल ही पुलिस की रिइंफोर्समेंट दीनानगर पुलिस स्‍टेशन पहुंच गई। इसके उपरांत आतंकवादियों के विरूद्ध ऑपरेशन के संचालन एव निगरानी के लिए डीजीपी पंजाब सहित वरिष्‍ठ पुलिस अधिकारियों की टीम भी घटनास्‍थल पर पहुंच गई।

दोनों तरफ से हुई फायरिंग के फलस्‍वरूप होने वाली क्षति को कम से कम स्‍तर पर रखने, आतंकवादियों को भागने से रोकन तथा उन्‍हें जिंदा पकड़ने के उद्देश्‍य से पंजाब पुलिस द्वारा लगातार हर संभव प्रयास जारी रखे गए। अंत में इस सफल ऑपरेशन के दौरान तीनों आतंकवादियों को न्‍यूट्रालाइज कर दिया गया। दुर्भाग्‍यवश इस ऑपरेशन के दौरान पुलिस अधिकारी श्री बलजीत सिंह, एसपी (डिटेक्टिव), गुरदासपुर आतंकवादियों का सामना करते हुए शहीद हो गए। पंजाब पुलिस ने मृत आतंकवादियों से तीन एके-47, 19 मैगजीन और दो जीपीएस सहित भारी मात्रा में अवैध सामग्री भी बरामद की है, जिसको एनालाइज किया जा रहा है। मैं पंजाब पुलिस द्वारा किये गये इस ऑपरेशन की हृदय से सराहना करता हूं और पूरी पंजाब पुलिस को भी मैं अपनी तरफ से बधाई देना चाहता हूं।

जीपीएस डाटा के प्रारंभिक अध्‍ययन से संकेत मिले हैं कि आतंकवादियों ने पाकिस्‍तान से गुरदासपुर जिले के तास क्षेत्र, जहां राबी नदी पाकिस्‍तान से प्रवेश करती है, से घुसपैठ की। आशंका व्‍यक्‍त की जा रही है कि इन्‍हीं आतंकवादियों ने जम्‍मू-पठानकोट रेलमार्ग पर दीनानगर और झकोल नदी के बीच तलवंडी गांव के पास पाँच आईईडी प्‍लांट किये, जिन्‍हें मौके पर ही बम डिस्पोजल स्क्वॉड द्वारा डिफ्यूज कर दिया था। इस स्थान से एक नाइट विजन डिवाइस भी बरामद किया गया।

इस दौरान गृह मंत्रालय स्थिति पर लागातर कड़ी नजर रखते हुए पंजाब सरकार से लगातार संपर्क में रहा। इस ऑपरेशन में पंजाब पुलिस की सहायता करने के लिए आर्मी और एनएसजी को विकल्‍प के रूप में तैयार रखा गया था। मैंने स्‍वयं मुख्यमंत्री, पंजाब से बात की एवं केन्‍द्र सरकार द्वारा सभी आवश्‍यक सहयोग के लिए आश्‍वस्‍त किया। बीएसएफ और आर्मी को विशेष रूप से सीमा पर हाई अलर्ट पर रखा गया।

इस आतंकी हमले में 3 नागरिक, 3 होमगार्ड के जवान एवं एक पुलिस अधिकारी सहित कुल 07 लोगों की मृत्‍यु हो गई और इसके अतिरिक्‍त 10 नागरिक और 07 सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं।

मैं सदन को यह भी बताना चाहता हूँ कि विगत एक माह में जम्‍मू और कश्‍मीर सीमा पर घुसपैठ के कुल पांच प्रयास किए गए जिसमें 8 आंतकवादियों को न्‍यूट्रालाइज करते हुए 04 प्रयासों को विफल कर दिया गया। घुसपैठ की शेष एक अन्‍य घटना में आतंकवादियों को सुरक्षा बलों की जवाबी कार्यवाही के कारण वापस लौटना पडा था। भारतीय सुरक्षा बल सीमा क्षेत्र में सतर्क रहती हैं परन्‍तु कठिन भौगोलिक परिस्थितियां एवं मूसलाधार बारिस होने से सीमा क्षेत्र की नदियों एवं नहरों में अत्‍याधिक तेज बहाव के कारण ये आतंकवादी भारतीय सीमा में घुस पाने में सफल हुए होंगे।

मैं सदन के सभी माननीय सदस्‍यों को यह आश्‍वस्‍त करना चाहता हूँ कि भारत की एकता एवं अखंडता तथा देश के नागरिकों की सेफ्टी एवं सिक्‍युरिटी को अंडरमाइन करने के देश के दुश्‍मनों के किसी भी प्रयास का हमारे सुरक्षा बलों द्वारा त्‍वरित एवं मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। सरकार, आतंकवाद से दृढ़ता और कड़ाई से निबटने के लिए प्रतिबद्ध है और सीमा पार से चलाए जा रही सभी आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।

मैं सरकार की ओर से सभी मृत नागरिकों एवं वीरगति को प्राप्‍त सुरक्षा-कर्मियों के परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदना व्‍यक्‍त करता हूँ तथा सभी घायलों के जल्‍द से जल्‍द स्वस्थ होने की कामना करता हूँ।”

श्री राजनाथ सिंह ने चर्चा के दौरान हस्‍तक्षेप करते हुए निम्‍नलिखित बयान दिया –

मैं अचंभित हूं कि विपक्ष आतंकवाद पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है। ऐसे मुद्दे पर विपक्ष विभाजित रहेगा, मुझे उम्‍मीद नहीं थी। देश में एक तरफ हमारे जवान शहीद हो रहे हैं और दूसरी तरफ विपक्ष पूरी तरह से आतंकवाद के मुद्दे पर विभाजित है।

”चीन छीन देश का गुलाब ले गया, ताशकंद में वतन का लाल सो गया।

ये सुलह की शक्‍ल को संवारते रहे, जीतने के बाद बाजी हारते रहे ।।”

इन चार पंक्तियों से स्‍पष्‍ट हो जाता है कि कांग्रेस की सिक्‍यूरिटी पोलिसी तथा फॉरेन पोलिसी कैसी रही होगी।

इसी यूपीए के एक गृह मंत्री ने आतंकवाद के लिए हिंदू आतंकवाद की एक नई टर्मिनोलॉजी दी और इस पर लश्‍कर के चीफ सैयद हाफीज सईद ने उन्‍हें बधाई दी थी। आतंकवाद की कोई जाति, धर्म और मजहब नहीं होता। आतंकवादी, आतंकवादी होता है।

शर्म-अल-शेख और हवाना में भी यूपीए सरकार ने अपनी गलत नीतियों के कारण आतंकवाद के मुद्दे को एक बार फिर से डाइल्‍यूट कर दिया है।

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