नई दिल्ली: 2017 में संसद का आज सत्र आरंभ हो रहा है। राष्ट्रपति जी का उद्बोधन , बजट और काफी लम्बे समय तक सत्र के दरमियां अनेक विषयों पर संवाद। पिछले दिनों सभी राजनीतिक दलों के साथ सामूहिक रूप से, व्यक्तिगत रूप से लगातार चर्चा हुई है। सत्र का सर्वाधिक उपयोग जनहित के लिए हो, सार्थक चर्चा हो, बजट की भी बारीकी से चर्चा हो।
पहली बार बजट एक फरवरी को हो रहा है। आप सबको स्मरण होगा हमारे देश में पहले बजट शाम को पांच बजे प्रस्तुत किया जाता था। जब अटल जी की सरकार थी, तब से उसे समय परिवर्तित करके सुबह सदन प्रारंभ होते ही बजट शुरू हुआ।
आज एक और नयी परंपरा का प्रारंभ हो रहा है। एक तो बजट करीब एक महीने पहले आ रहा है। दूसरा इसके साथ रेल बजट भी जोड़ दिया गया है। सदन में इस पर व्यापक चर्चा होगी और उससे आने वाले दिनों में क्या लाभ होने वाले हैं, यह भी मुखर हो करके आएगा।
मैं सभी राजनीतिक दलों से, मेरा विश्वास है कि वह इस बार सदन को उत्तम चर्चा के साथ जनहित के काम को आगे बढ़ाने में उपयोग करेंगे।
बहुत-बहुत धन्यवाद।