लखनऊ: प्रदेश के हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी ने कहा है कि हथकरघा निगम एवं यूपिका को और प्रभावी बनाया जायेगा। इन निगमों के उत्पादों की बिक्री को बढ़ाने के लिए उपयोगी कार्य योजना तैयार किये जाने की निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हथकरघा वस्त्रों के खपत की भारी सम्भावाएं हैं। अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि आंगनबाड़ी केन्द्रों और विभिन्न सरकारी कार्यालयों में हथकरघा उत्पादों की आपूर्ति के प्रयास किये जायं, ताकि निगम की आय में वृद्धि हो सके और हथकरघा बुनकरों की आर्थिक स्थिति भी बेहतर हो सके।
श्री पचैरी आज विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में हथकरघा निगम एवं यूपिका के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का हथकरघा वस्त्रों की विभिन्न क्षेत्रों का काफी मांग है। उन्होंने कहा कि सरकारी विभाग एवं शासकीय नियंत्रणाधीन उपक्रमों, निगमांे, प्राधिकरणों, परिषदों तथा स्वायत्तशासी संस्थाओं को हथकरघा इकाइयों द्वारा उत्पादित वस्त्रों की आपूर्ति के भी प्रयास किये जाने चाहिए। इसके लिए वस्त्रों की क्रय अनिवार्यता संबंधी जारी पूर्व आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।
वस्त्रोद्योग मंत्री ने कहा कि सरकार की सकारात्मक पहल के चलते उ0प्र0 हैण्डलूम कारपोरेशन एवं यूपिका की बिक्री में बढ़ोत्तरी हुई है। पहली बार हैण्डलूम कारपोरेशन एवं यूपिका मुनाफे में आई हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर दरी एवं साड़ी आदि की सप्लाई निगमों के माध्यम से हो, इसके लिए हर स्तर से प्रयास किया जाय। साथ ही आश्रम पद्धति विद्यालयों में ड्रेस की सप्लाई के लिए शिक्षा विभाग को पत्र लिखा जाय।
अपर मुख्य सचिव, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग श्री मुकुल सिंघल ने मंत्री जी को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा दिये गये निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जायेगा। यू0पी0 हैण्डलूम एवं यूपिका की बिक्री बढ़ाने के हर स्तर से प्रयास किया जायेगा।